शिमला, 10 मई। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के कसौली स्थित देश के एकमात्र केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) की भूमिका बड़ी होने वाली है। कसौली में बीएसएल (बायो सेफ्टी लेवल थ्री) थ्री लैब का निर्माण किया जाएगा। इस लैब के तैयार हो जाने के बाद कोरोना के अलावा टीबी, जापानी इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया, कैंसर, स्वाइन फ्लू समेत अन्य बीमारियों की जांच और उनके वायरस के बदलते हुए स्वरूप की पहचान के लिए शोध किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में बीएसएल (बायो सेफ्टी लेवल थ्री) थ्री लैब स्थापित करने की मंजूरी प्रदान कर दी है।
शिमला संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद सुरेश कश्यप ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में आने वाले दिनों में आधुनिक तकनीक ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। यहां बीएसएल तीन स्तर की प्रयोगशाला स्थापित करने को स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दे दी गई है इससे इस संस्थान को बहुत बड़ा लाभ होगा।
उन्होंने कहा की रेबीज वैक्सीन बनाने में भी इस संस्थान का अग्रिम भूमिका रही थी जिसका समाज को भरपूर लाभ हुआ था।
कश्यप ने कहा कि जैसे ड्रोन टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल ऐम्स ऋषिकेश में किया गया है वैसे ही प्रयास आने वाले दिनों में सीआरआई कसौली में किया जाएगा इसके लिए जल्द ही संभावनाएं तलाशी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सीआरआई पूरे विश्व में मशहूर है और इसके लिए संस्थान के इतिहास व वैज्ञानिकों के प्रयास की सराहना जितनी भी की जाए उतनी कम है।
सुरेश कश्यप ने कहा कि विशेषकर संस्थान द्वारा कोविड काल के दौरान किए गए कार्यों को हमें सहाराना चाहिए कि किस प्रकार से दो वैक्सीन बनाकर टीकाकरण अभियान में इस संस्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1950 में अपनी स्थापना के समय से ही केंद्रीय अनुसंधान संस्था नवाचार अपनाकर रोगों के उपचार के लिए टिको के उत्पादन में रहा दिखा रहा है।