“हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भर और एकात्म मानवतावाद से प्रेरित बेस्ट माइंड्स तैयार करना है”: प्रो. सत प्रकाश बंसल

 

धर्मशाला। केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला का आठवाँ दीक्षांत समारोह राजकीय कालेज के सभागार में भव्य रूप से आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (उत्तर प्रदेश) के कुलपति एवं भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाठक उपस्थित रहे। दीप प्रज्जवलन के साथ हुए शुरू हुए दीक्षांत समारोह की शुरूआत में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने पारंपरिक हिमाचली टोपी, अंगवस्त्र और चंबा थाल भेंट कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। वहीं कुलसचिव प्रो. सुमन शर्मा की अगुवाई में दीक्षांत समारोह का आगाज किया गया।

इस समारोह में वर्ष 2020 में उत्तीर्ण यूजी, पीजी और पीजी डिप्लोमा के कुल 206 तथा 2021 में उत्तीर्ण यूजी और पीजी के 256 छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गईं।

इस मौके पर अपने संबोधन में कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में देश का अग्रणी संस्थान रहा है। “अगर हमें A+ ग्रेड प्राप्त हुआ है, तो उसका श्रेय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समर्पणपूर्वक लागू करने के प्रयासों को जाता है।” उन्होंने शिक्षा की भूमिका को मानवता की दृष्टि से समझाते हुए कहा कि हमारा प्रयास बेस्ट माइंड्स तैयार करना है जो आत्मनिर्भर और एकात्म मानवतावाद से प्रेरित हों।

   कुलपति ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा की ओर अब पूरा विश्व देख रहा है, और हमने इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि डोगरी भाषा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय को 50 पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है, जो भविष्य में देशभर में पढ़ाई जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी शिक्षा मॉडल को अपनाने से हमारी जड़ों से दूरी बनती है। समग्र शिक्षा की ओर लौटना और मातृभाषा में शिक्षा देना हमारी शक्ति है। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएचपी) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इंडियन इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (IIRF) 2025 द्वारा जारी नवीनतम रैंकिंग में विश्वविद्यालय को देश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में आठवां स्थान प्राप्त हुआ है, वहीं यह हिमाचल प्रदेश का सर्वोच्च रैंक प्राप्त करने वाला विश्वविद्यालय बन गया है। उन्होंने कहा कि 49वें स्थान से 8वें स्थान पर पहुंचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

वहीं समारोह में मुख्य अतिथि प्रो. विनय कुमार पाठक ने शिक्षा और दीक्षा के बीच अंतर को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान देती है, जबकि दीक्षा जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी युग में एआई जैसे उभरते विषयों को विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने एक प्रेरणादायक श्लोक के माध्यम से निरंतर कर्म करते रहने का संदेश दिया: “चरन् वै मधु विन्दति चरन् स्वदुम्। उदुम्बरम् सूर्यस्य पस्य स्ह्रेमनम्। यो न तन्द्रयते चरन् चरैवेति चरैवेति॥”

(चलते रहो, चलते रहो – यही सफलता का मूल मंत्र है।)

 समारोह में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद्मश्री आचार्य डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद जोशी, विशेष अतिथि के रूप में प्रो. सुशील मित्तल (कुलपति, पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय जालंधर), प्रो. दिनेश अग्रवाल (कुलपति, विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय गुरुग्राम) और प्रो. राज नेहरू (पूर्व कुलपति एवं विशेष कार्य अधिकारी, हरियाणा) उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने अपने संबोधन में डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। समारोह में सभी विभागों के अधिष्ठाता, शिक्षकगण एवं छात्रगण मौजूद रहे।

केंद्रीय विवि के 8वें दीक्षांत समारोह में कुल 462 छात्रों ने डिग्री के लिए पंजीकरण कराया है, जिसमें 2020 में पास आउट यूजी, पीजी और पीजी डिप्‍लोमा के कुल 206 छात्र शामिल हैं। वहीं 2021 में पास आउट यूजी और पीजी के कुल 256 छात्रों ने डिग्री के लिए पंजीकरण कराया है।

दीक्षांत-समारोह-के-दौरान-डिग्री-हाथ-में-लिए-विभिन्न-कोर्स-की-विद्यार्थी

 

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