आपदा में मदद को आगे आए पेंशनर, मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे एक दिन की पेंशन, मुख्यमंत्री से मिलकर उठाई पेंशनरों की मांगे, बोले दूसरा गुट मान्य नहीं

शिमला। हिमाचल प्रदेश के पेंशनर प्रदेश में आई आपदा के समय मदद के लिए आगे आए हैं। हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेशभर के सभी पेंशनर अपनी एक दिन की पेंशन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एसोसिएशन के तहत लगभग दो लाख पेंशनर रजिस्टर्ड हैं और यह फैसला मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात के दौरान लिया गया।

आत्माराम शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को एक मांगपत्र भी सौंपा, जिसमें पेंशनरों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगों को रखा गया। उन्होंने कहा कि पेंशनरों के लिए संयुक्त परामर्श समिति यानी जेसीसी का शीघ्र गठन जरूरी है। इसके अलावा, 1 नवंबर 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को लंबित लीव इनकैशमेंट, ग्रेच्युटी और कम्युटेशन का भुगतान भी जल्द किया जाए। चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए विशेष बजट प्रावधान करने की आवश्यकता है, वहीं वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत शेष बचे एरियर को भी शीघ्र जारी किया जाए। आत्माराम शर्मा ने यह भी कहा कि घोषित 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते की अधिसूचना तुरंत जारी होनी चाहिए, जबकि शेष बचे 10 प्रतिशत डीए को किस्तों में और 42 महीने के लंबित डीए एरियर को शीघ्र निपटाया जाना चाहिए।आत्माराम शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के राज्य कमेटी के चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं। इन चुनावों में प्रदेशभर से डेलीगेट्स ने भाग लिया और दस प्रतिनिधियों का चयन किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में एसोसिएशन के समानांतर एक अन्य संगठन सक्रिय हो गया है, जो कि पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संविधान के अनुसार मान्य नहीं है।

 

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