शिमला,19 जून। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश द्वारा शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता लाने के साथ-साथ संसाधनों के कुशल उपयोग और नीतियों को विकसित करने व उन्हें लागू करने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।
रोहित ठाकुर ने सोमवार को शिमला में समग्र शिक्षा कार्यालय द्वारा आयोजित छह दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि शैक्षणिक प्रणाली के तहत बच्चों में सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के लिए इस प्रकार की ज्ञानवर्धक कार्यशालाएं काफी लाभप्रद हो सकती हैं।
उन्होंने आशा जताई कि इस कार्यशाला से बहुमूल्य ज्ञान हासिल करने के साथ-साथ प्रतिनिधियों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने, सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करने का एक उत्कृष्ट अवसर मिलेगा और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देकर यह मंच देश भर में शिक्षा में सुधार करके सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इस कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, केरल तथा राजस्थान के हिस्सा ले रहे हैं।
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत में माध्यमिक स्तर के मॉड्यूल भी लॉन्च किए।
गौरतलब है कि स्टार परियोजना ने इस मॉड्यूल को शिक्षकों की प्रशिक्षण आवश्यकता विश्लेषण (डीएनए) के आधार पर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विकसित किया है जिसमें आवश्यकता आधारित मॉड्यूल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है और इसे राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएसए) अंतर्दृष्टि का उपयोग करने करके डिजाइन किया गया है जिसमें सीखने- सिखाने के आयाम, ज्ञान या सूचना अभ्यास और क्षमताएं तथा एनईपी 2020 विजन शामिल है, इन मॉड्यूल को पाठ्यक्रम में शामिल करके इसका उद्देश्य बाल केंद्रित शिक्षा शास्त्र को बढ़ावा देना और सीखने के परिणामों में सुधार करना है।