शिमला, 25 जून। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में नशीले पदार्थों से संबंधित मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए एक समर्पित विशेष कार्य बल बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने नशीले पदार्थों के तस्करों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया और युवाओं को नशे के चंगुल से छुड़ाने के लिए जागरूकता अभियान बढ़ाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने रविवार को गेयटी थिएटर शिमला में नशे के विरूद्ध पुलिस विभाग के ‘प्रधाव’ अभियान के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न स्पर्धाओं के विजेताओं के पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता की । इस अवसर मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों को नशे के विरूद्ध एकजुट प्रयासों की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नारकोटिक्स एक्ट को और कड़ा बनाने संबंधी मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है, ताकि ड्रग तस्करों की संपत्ति जब्त कर उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास में सहायता के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में दो अत्याधुनिक नशा मुक्ति सह पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। प्रत्येक केंद्र की स्थापना के लिए 50 बीघा भूमि चिन्हित की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने नागरिकों का कल्याण और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार नशीले पदार्थों की चुनौती से निपटने के लिए प्रयासरत है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण पर बल देते हुए कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था स्थापित करने के लिए पुलिस बल की क्षमता बढ़ाने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने पुलिस विभाग को और कार्यकुशल बनाने के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में चार नए पुलिस स्टेशन स्वीकृत किए हैं, जिनमें से तीन कीरतपुर-मनाली फोरलेन राजमार्ग पर और एक कांगड़ा जिले के बीड़ में स्थापित होगा।