शिमला, 25 जून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधान सभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिन्दल ने कहा कि 25 जून, 1975 के दिन को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया है। उन्होंने कहा है कि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री में बने रहने के लिए लोकतंत्र की हत्या करते हुए आपातकाल लगाया था
राजीव बिंदल ने रविवार को एक बयान में कहा कि देश में कांग्रेस पार्टी का शासन था, कांग्रेस पार्टी का एक छत्र राज था, इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थी। उच्च न्यायालय का फैंसला इंदिरा गांधी को अपने पद से उतारता था, परन्तु अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए एवं प्रधानमंत्री बने रहने के लिए उन्होनें लोकतंत्र की हत्या कर दी।
बिंदल ने कहा कि आधी रात्रि समय जब पूरा देश गहरी नींद में सो रहा था, इंदिरा ने देश में आपातकाल लगा दिया। रातों-रात 50 हजार से अधिक छोटे-बड़े नेताओं को जेल की काल कोठरी के पीछे डाल दिया। अखबारों की, मीडिया की स्वतंत्रता छीन ली गई। सभी मीडिया हाऊसिज पर पहरा बिठा दिया गया और वही छपने लगा जो इंदिरा जी कहती थी और जिन्होनें विरोध किया उन्हें नेस्ते नाबूत कर दिया।
उन्होंने कहा कि आपातकाल के खिलाफ देशभर में आंदोलन शुरू हुए जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ व अन्य संगठनों ने किया। सत्याग्रह करने वाले नेताओं/कार्यकर्ताओं पर बर्बरता की इंतहा हुई। उन पर झूठे मुकद्मे दर्ज हुए और अंग्रेजों द्वार किए गए अत्याचारों को पीछे छोड़ दिया गया। ‘‘इंदिरा ईज इंडिया, इंडिया ईज इंदिरा’’ यह स्लोगन देश पर चस्पा किया गया।
उन्होंने कहा कि यदि देश ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए दूसरी लड़ाई न लड़ी होती तो भारत तानाशाह देश होता और विकास से कोसों दूर होता। सत्ता की लोलुप्ता का शायद सबसे बड़ा जीता जागता सबूत 1975 की 25 जून को लगाई गई एमरजेंसी है।