प्रदेश में नशा माफिया के विरुद्ध राज्यव्यापी अभियान में बड़ी कार्रवाई

शिमला । प्रदेश सरकार नशे के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति अपनाकर कार्य कर रही है। इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के तहत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में 15 नवंबर को शिमला तथा प्रथम दिसंबर को धर्मशाला में एंटी-चिट्टा वॉकथान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को प्रदेश से चिट्टा के समूल नाश के लिए कड़े निर्देश दिए।
पुलिस विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार नशे के नेटवर्क को समाप्त करने के लिए आज राज्य के कई जिलों में एक साथ समन्वित कार्रवाई की गई। इसके तहत पीआईटी एण्ड एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत 16 चिट्टा तस्करों को हिरासत में लिया गया है।
इनमें सोलन और देहरा से चार-चार, नूरपुर से दो, बद्दी से तीन, हमीरपुर, मंडी और सिरमौर से एक-एक चिट्टा तस्कार को गिरफ्तार किया गया है। आज की इस एक साथ की गई कार्रवाई के बाद राज्य में पीआईटी-एनडीपीएस के तहत निरूद्धियों की संख्या 62 हो गई है। वर्ष, 2023 में इस अधिनियम के प्रभावी होने के बाद अब तक 46 बड़े तस्करों को पहले ही निरुद्ध किया जा चुका है तथा समानांतर वित्तीय जांचों के माध्यम से 48 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है।
हाल ही में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में धर्मशाला के तपोवन में आयोजित 6वीं राज्य स्तरीय एनसीओआरडी की बैठक में सभी एंटी-चिट्टा अभियानों की गहन समीक्षा की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने इस अभियान को राज्यव्यापी जन-आंदोलन में परिवर्तित करने के स्पष्ट निर्देश दिए। यह पहली बार है जब हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री ने स्वयं इस राज्य स्तरीय समन्वय मंच की अध्यक्षता की है।
हाल के दिनों में नशे के विरुद्ध प्रवर्तन को और अधिक तेज किया है। प्रदेश से चिट्टे को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस ने नागरिकों, विशेषकर युवाओं से चिट्टा एवं नशे से संबंधित सूचना दूरभाष नम्बर 112 या नजदीकी पुलिस थाना में देने की अपील की है। यह सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

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