बिहारी लाल शर्मा बने उपनिदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग

 

करसोग। हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग में हाल ही में  बिहारी लाल शर्मा को उपनिदेशक (निष्पादन एवं ललित कला) के पद पर नियुक्त किया गया। इनकी पदोन्नति की खबर से मंडी करसोग क्षेत्र सहित समूचे हिमाचल प्रदेश के कलाकारों और सांस्कृतिक जगत में खुशी का माहौल बना हुआ है।

बिहारी लाल शर्मा का जन्म 26 जून 1974 को पिता श्री बाम देव शर्मा एवं माता कसुम्बु देवी के घर गांव पोखी में हुआ। इन्होंने प्रारंभिक शिक्षा
पोखी से आरंभ कर उच्च शिक्षा करसोग तथा रामपुर बुशहर से प्राप्त की। इसके पश्चात इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इसके इलावा इन्होंने संगीत विषय में भी स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण की है।

बचपन से ही संगीत के प्रति विशेष रुचि रखने वाले बिहारी लाल शर्मा गायन एवं नृत्य में पारंगत हैं। ये ऑल इंडिया रेडियो से मान्यता प्राप्त कलाकार है।
इन्होंने अपने कला जीवन की शुरुआत एक कलाकार के रूप में की और सैकड़ों प्रतिष्ठित मंचीय प्रस्तुतियों में भाग लिया। इनकी प्रतिभा और समर्पण को देखते हुए वर्ष 1997 में इन्हें निदेशालय भाषा एवं संस्कृति विभाग में स्टेज मास्टर के पद पर नियुक्त किया गया।

लगभग 30–35 वर्षों के अपने सांस्कृतिक सफर में इन्होंने लोकगीतों, लोकनृत्यों, पारंपरिक परिधानों, लोक वाद्यों एवं लोक सांस्कृतिक परंपराओं में गहरी विशेषज्ञता हासिल की है। भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा संगीत नाटक अकादमी के अंतरराज्यीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत ये देश के अनेकों राज्यों में हिमाचली लोक संस्कृति के सफल प्रदर्शन कर चुके हैं।

उपनिदेशक पद पर नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए  बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि वे विभाग के एक कर्मठ सिपाही के रूप में लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे और हिमाचल की समृद्ध लोक परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपनी सेवाएं देते रहेंगे।

इनकी इस महत्वपूर्ण पदोन्नति पर प्रदेशभर के कलाकारों, सांस्कृतिक संस्थाओं और कला प्रेमियों ने इन्हें बधाई देते हुए भविष्य में उज्ज्वल कार्यकाल की शुभकामनाएं दी हैं।

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