नई दिल्ली। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 28वीं बैठक और परियोजना हाथी की 22वीं संचालन समिति की बैठक 21 दिसंबर 2025 को पश्चिम बंगाल के सुंदरबन बाघ अभ्यारण्य में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इन बैठकों में बाघ और हाथी बहुल राज्यों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों और क्षेत्र विशेषज्ञों के साथ-साथ प्रमुख संरक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने परियोजना बाघ और परियोजना हाथी की प्रगति की समीक्षा करने और भारत में बाघों और हाथियों के संरक्षण के लिए भावी रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए भाग लिया।

एनटीसीए की बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री यादव ने भारत के विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त बाघ संरक्षण मॉडल पर जोर दिया और विज्ञान-आधारित प्रबंधन, भू-भाग स्तर की योजना, सामुदायिक भागीदारी, अंतर-राज्यीय समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व का उल्लेख किया।
18 अप्रैल 2025 को आयोजित 27वीं बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि की गई और उसमें लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई रिपोर्ट की समीक्षा की गई। चार क्षेत्रीय बैठकों के परिणामों पर चर्चा की गई जिसमें बाघ अभ्यारण्यों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर विशेष ध्यान दिया गया। मानव-बाघ संघर्ष से निपटने के उपायों पर चर्चा की गई जिसमें एक त्रिपक्षीय रणनीति और ‘बाघ अभ्यारण्यों के बाहर बाघों का प्रबंधन’ परियोजना का शुभारंभ शामिल है। कर्मचारियों की कमी, वित्तीय बाधाओं, पर्यावास क्षरण और आक्रामक प्रजातियों के प्रबंधन से संबंधित मुद्दों की भी समीक्षा की गई और राज्यों तथा संबंधित अधिकारियों को उचित अनुवर्ती कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए गए।
इस बैठक में एनटीसीए की तकनीकी समिति की बैठकों के निर्णयों की पुष्टि की गई जिनमें बाघ संरक्षण योजनाओं की स्वीकृति; चीता परियोजना का विस्तार और विकास; बाघों का स्थानांतरण; शिकार संवर्धन; भूदृश्य प्रबंधन योजना; मांसाहारी जानवरों के स्वास्थ्य प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम; और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की स्थायी समिति को परियोजना प्रस्तावों पर एनटीसीए द्वारा दिए गए सुझाव शामिल हैं।
7वें राष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण बोर्ड के निर्देशों के अनुपालन पर अद्यतन जानकारी प्रस्तुत की गई जिसमें गुजरात के गांधीसागर वन्यजीव अभ्यारण्य और बन्नी घास के मैदान में चीता परियोजना का विस्तार और कैम्पा के तहत समर्थित पहलों की प्रगति शामिल है। प्रस्तावित ग्लोबल बिग कैट समिट के लिए की जा रही तैयारियों की भी समीक्षा की गई।
मंत्री ने अखिल भारतीय बाघ गणना के छठे चक्र में हुई प्रगति, विभिन्न क्षेत्रों में भू-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों, नवंबर 2025 से जमीनी सर्वेक्षणों की शुरुआत और प्रोजेक्ट चीता के तहत अंतरराष्ट्रीय सहयोग सहित एनटीसीए की प्रमुख चल रही गतिविधियों की समीक्षा की। इन गतिविधियों में दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना के प्रतिनिधिमंडलों की यात्राएं भी शामिल थीं। बैठक में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी ध्यान दिया गया और बाघ संरक्षण एवं प्रबंधन पर इसके प्रभावों पर विचार-विमर्श किया गया।