शिमला, 19 सितम्बर। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार पर हिमाचल के हितों को बेचने का आरोप लगाया है।
उन्होंने मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि पिछली सरकार ने इनवेस्टर मीट के दौरान उर्जा के क्षेत्रों में एमओयू साइन कर हिमाचल के हकों को बेचा है। पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी की ओर से 1 जनवरी से 31 अगस्त तक कितने नए हाइडल प्रोजेक्ट के एमओयू साइन किए गए के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने पूर्व की जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि इनवेस्टर मीट के दौरान हिमाचल के हितों को बेचने का काम किया गया। जो एमओयू साइन हुए उससे भविष्य में आने वाली पीढी को कुछ भी नहीं मिलने वाला था।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एसजेवीएनएल के साथ जो डव्न् साइन किए उसमें रॉयल्टी के क्लॉज को हटाया गया। सैंज, लूहरी व धौलासिद्ध, सुन्नी परियोजनाओं का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि 40 साल बाद जो प्रोजेक्ट हिमाचल को वापिस मिलने की जो शर्त होती है उसे भी हटा दिया था। सरकार ने ऊर्जा नीति में बदलाव किया। एसजेवीएनएल को नोटिस जारी किया। इतना ही नहीं नई ऊर्जा नीति में बदलाव कर प्रोजेक्ट लगने के शुरुआती 10 साल तक 4 प्रतिशत फ्री बिजली का प्रावधान किया। 10 स 25 साल तक 8 प्रतिशत फ्री बिजली मिलेगी। 25 से 40 साल तक 12 प्रतिशत फ्री पावर का प्रावधान किया।
विधायक अजय सोलंकी के मूल सवाल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अनुपूरक सवाल के जवाब में
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार कहीं भी सरकारी संस्थान खोलने से पहले कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी, उसके बाद ही संस्थान खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार की तरह स्टाफ का प्रविधान किए बिना संस्थान खोलने की घोषणाएं नहीं होगी।