शिमला, 03 अक्टूबर। राजधानी शिमला में प्रवासी मजदूर को पुलिस स्टेशन में सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा। जिला दंडाधिकारी आदित्य नेगी ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। इसके मुताबिक कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार, व्यापारी शिमला जिले में आने वाले किसी भी प्रवासी मजदूर को छोटी गैर-औपचारिक नौकरी, सेवा या अनुबंध श्रम में संलग्न नहीं करेगा, जब तक प्रवासी मजदूर अपना आवेदन पहचान और सत्यापन के लिए संबंधित स्टेशन हाउस अधिकारी को पासपोर्ट आकार की तस्वीरों के साथ पूरा विवरण प्रस्तुत नहीं करते हैं।
आदित्य नेगी ने कहा कि शिमला जिले का दौरा करने वाला कोई भी व्यक्ति संबंधित थाना प्रभारी को इस आशय की जानकारी दिए बिना किसी भी प्रकार के स्व-रोजगार, गैर-औपचारिक व्यापार या सेवाओं में रोजगार की तलाश में संलग्न नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि यह आदेश 01-10-2023 को लागू होगा और दो महीने की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन कानून के अनुसार दंडनीय होगा।
एक अन्य आदेश में आदित्य नेगी ने शिमला के चिन्हित स्थलों में आगामी दो माह तक सार्वजनिक सभा आयोजित करने, जुलूस निकालने, रैलियां निकालने, प्रदर्शन करने, नारे लगाने, बैंड बजाने और हथियार लेकर चलने पर रोक लगा दी है। जिला दंडाधिकारी ने बताया कि ये आदेश मॉल रोड, छोटा शिमला से कैनेडी हाउस और रिज तक, रेंडेज़वस रेस्तरां से रिवोली सिनेमा और 150 मीटर तक, स्कैंडल प्वाइंट से कालीबाड़ी मंदिर तक, छोटा शिमला गुरुद्वारा से कसुम्पटी संपर्क सड़क की और, छोटा शिमला चौक-राजभवन-ओक ओवर तक, सम्पर्कं मार्ग कार्ट रोड से मजीठा हाउस तक, ए.जी. कार्यालय से कार्ट रोड तक जाने वाली सड़क, सीपीडब्ल्यूडी कार्यालय से चौड़ा मैदान तक, उपायुक्त कार्यालय के ऊपर पुलिस गुमटी से लोअर बाजार की ओर 50 मीटर की दूरी तक प्रतिबंधित रहेंगे। उन्होंने कहा कि रैलियां, प्रदर्शन, सार्वजनिक सभा आयोजित करने और बैंड बजाने के लिए सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति लेनी होगी ताकि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम सुनिश्चित किए जा सकें।
उन्होंने कहा कि यह आदेश अपने कर्तव्यों का पालन करते समय पुलिस, अर्धसैनिक, सैन्य कर्मियों पर लागू नहीं होगा और इस आदेश का उल्लंघन कानून के अनुसार दंडनीय होगा।