शिमला, 10 अक्टूबर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वर्तमान स्थिति और आगामी चुनौतियों के दृष्टिगत राज्य में विकास के प्रतिमानों में बदलाव की जरूरत है। हिमाचल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व जल आपूर्ति सहित विविध क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न विकास संकेतकों पर कई अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है और समावेशी तथा समग्र विकास के आदर्श राज्य के रूप में उभरा है।
मुख्यमंत्री सुक्खू सोमवार को आर्थिकी और सांख्यिकी विभाग द्वारा तैयार हिमाचल प्रदेश जिला सुशासन सूचकांक पर वार्षिक रिपोर्ट-2022 जारी करने के उपलक्ष्य पर बोल रहे थे इस रिपोर्ट में आठ मूल विषय, 19 केन्द्र बिन्दु तथा 90 विशिष्ट कारक शामिल किए गए हैं।
उन्होंने कहा है कि जिला सुशासन सूचकांक की चौथी रिपोर्ट 12 जिलों के माध्यमिक आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है जिसके अन्तर्गत सभी जिलों के तुलनात्मक आंकलन के लिए सभी आंकड़े एकत्रित किए गए। उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसने महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रशासन की गुणवत्ता मापने का कार्य शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि जिला सुशासन सूचकांक-2022 में आठ मूल विषय आवश्यक बुनियादी ढांचा, मानव विकास, सामाजिक संरक्षण, महिलाएं एवं बच्चे, अपराध, कानून एवं व्यवस्था, पर्यावरण, पारदर्शिता और जवाबदेही और आर्थिक प्रदर्शन शामिल हैं। दूसरे स्तर पर 19 केंद्र बिन्दु रखे गए हैं, जिनमें से प्रत्येक विषय के अन्तर्गत बिजली, पानी, सड़कें, शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक वितरण योजना, सामाजिक न्याय, रोजगार, बच्चों और महिलाओं से संबंधित विषय, हिंसक अपराध, कानून एवं व्यवस्था, अत्याचार, पर्यावरण उल्लंघन, वन क्षेत्र, पारदर्शिता और दायित्व, अर्थव्यवस्था में कृषि और संबद्ध क्षेत्र तथा वाणिज्य और उद्योग के रूप में योगदान से संबंधित मामले शामिल हैं। तीसरे स्तर पर 90 विशिष्ट कारकों के आधार पर जिलों में उपलब्ध आंकड़ों का एकीकरण तथा विश्लेषण किया गया है।