शिमला, 10 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्त्व वाली सुक्खू सरकार को हाईकोर्ट से झटका लगा है। भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) की नियुक्तियों को हाईकोर्ट में चनौती दी है।
इस मामले में उनके अधिवक्ता वीरभादुर वर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार ने इस याचिका को बढ़ाने की योग्यता और मेंटेनेबिलिटी पर सवाल खड़ा करते हुए इसे खारिज करने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन कोर्ट ने सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा कि सीपीएस की नियुक्तियों को लेकर पिछली बार तीन अक्टूबर को मुद्दा कोर्ट के समक्ष लगा था जिसमें लंबी बहस हुई थी, जिसका आज फैसला आया है। इस फैसले में साफ है कि याचिका मेंटेनेबल है यानी आगे बढ़ाने योग्य है।
उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट में यह याचिका फिर लगी है जिसमें हमारी तरफ से अंतरिम निवेदन किया है। उनका कहना है कि सवाल यह उठता है कि अंतरिम निवेदन में क्या होगा अगर उनकी नियुक्ति पर रोक लगाती है तो यह एक बड़ा फैसला माना जाएगा, हमने पहले भी स्पष्ट किया है कि यह सरकारी खजाने का मामला है और इसको लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला पूर्व में भी सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय का कानून, भूमि का कानून माना जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि असम और मणिपुर में भी इस मामले को लेकर पूर्व में फैसला सुनाया जा चुका है और सर्वोच्च न्यायालय मानता है कि उनकी नियुक्ति और असंवैधानिक है। आज की फैसले के बाद हमारी याचिका का पहला पड़ाव पर हो चुका है।