शिमला, 13 अक्टूबर। राजधानी शिमला में ग्रीन एरिया पर निर्माण कार्य में ढील देने से सुक्खू सरकार ने इंकार किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ग्रीन एरिया में निर्माण कार्यों पर छूट नहीं दी गई है।
शुक्रवार को अपने सरकारी आवास ओकओवर में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला डेवलपमेंट प्लान मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन चल रहा है। ऐसे में शिमला में निर्माण को लेकर किसी भी तरह की अनुमति देना प्रदेश सरकार के अधिकार से बाहर है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर पूर्व सरकार ने शिमला डेवलपमेंट प्लान उच्च न्यायालय में पेश किया था जिस पर वर्तमान सरकार पुनर्विचार करके और अधिक सख्ती करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पांच से छह नए क्षेत्रों को ग्रीन फील्ड घोषित करने जा रही है और इसको लेकर रिपोर्ट भी मांगी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से सबक लेते हुए भविष्य की चुनौतियों को लेकर तैयार रहना चाहिए। राज्य सरकार निर्माण की दृष्टि से नियमों को सख्त कर रही है और नालों से पांच मीटर और खड्ड से सात मीटर की दूरी कम से कम रखने का भी फैसला किया है।
बता दें कि दो दिन पहले प्रदेश मंत्रिमंडल के फैसलों को लेकर जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि राज्य सरकार ने शिमला विकास योजना को संशोधित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सड़क से ऊपर स्थित ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में नवबहार से रामचन्द्रा चौक से मछीवाली कोठी से क्राइस्ट चर्च से लक्कड़ बाजार से आईजीएमसी से संजौली चौक से नवबहार तक जहां पेड़ नहीं हैं वहीं निर्माण की अनुमति दी जाएगी। अब मुख्यमंत्री ने ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण कार्यों को करवाने से साफ इंकार कर दिया है।
मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति मामले में राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह मामला हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है और जहां तक बात सरकार के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की है तो इस तरह की कोई बात नहीं है।