प्रदेश में नहीं बढ़ेगा न्यूनतम किराया, पुरानी बसों के साथ स्थानांतरित होंगे परमिट : उपमुख्यमंत्री

शिमला, 13 अक्टूबर। प्रदेश में न्यूनतम किराये में बढ़ोतरी नहीं होगी। परिवहन मंत्री का जिम्मा सम्भाल रहे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में न्यूनतम किराए में कोई फेरबदल नहीं होगा। 

उन्होंने निजी बस चालक संघ की न्यूनतम किराया वृद्धि की मांग को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि इस तरह के फैसले कैबिनेट मंजूरी के बाद होते हैं। दरअसल प्रदेश निजी बस चालक संघ ने राज्य सरकार से न्यूनतम 5 रुपये को 15 रुपये तक बढाने की मांग रखी थी। 

प्रदेश निजी बस चालक संघ की शुक्रवार को सचिवालय में बैठक आयोजित हुई। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में निजी बस चालकों की लंबे समय से लंबी चली आ रही मांगो पर चर्चा हुई, जिसमें पुरानी बसों के परमिट हस्तांतरण व एचपी-02 बसों के पंजीकरण सहित निजी बस ओपेटरों ने न्यूनतम किराया वृद्धि की मांग रखी। इन मांगों पर विस्तृत रूप से चर्चा के बाद सभी मांगो को उपमुख्यमंत्री ने मानने का आश्वासन दिया। 

मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि आज निजी बस चालको के साथ बैठक हुई उनकी कुछ मांगे थी जिस पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। उन्होंने कहा निजी बस चालकों के कुछ मुद्दे थे जिसमें उन्हें कुछ उलझन थी जिसे आज साफ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी बस चालकों में यह अवधारणा थी कि आठ वर्ष के बाद बस बिकेगी परमिट नहीं बिकेगा। उन्होंने इस तरह की खबरों को सिरे से नकारते हुए कहा कि सरकार ने अभी तक इस तरह की पालिसी में कोई बदलाव नही किया है। बस के साथ परमिट भी हस्तांतरित कर सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि उन्हें एचपी-02 की बसों को प्रदेश में पंजीकरण व टैक्स को लेकर भी समस्या आ रही थी।

उन्होंने कहा कि टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाएगा जिससे यह बसें यहां पंजीकृत हो सकें। उन्होंने कहा कि उनकी सभी समस्याओं का हल किया गया है साथ ही जो किराया बढ़ोतरी की बात है उसे बढाने कि उनके साथ कोई हामी नही भरी गयी है ।ऐसे फैसले मंत्रिमंडल में जाते है और उसके बाद ही इन पर कोई निर्णय होता है।

निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि आज बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में उप मुख्यमंत्री के साथ बैठ हुई है। उप मुख्यमंत्री ने उनकी सभी मांगे मानने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि आठ वर्षों के बाद बसों के बेचने पर परमिट नहीं बेच सकेंगे लेकिन उप मुख्यमंत्री ने स्थिति स्पष्ट कर दी है कि यह पालिसी पुरानी ही रहेगी साथ ही एचपी02 के बसों के पंजीकरण की समस्या हल करने का आश्वासन और पंजीकरण फीस कम करने को भी कहा है। 

उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री ने उनकी सभी मांगे मानने का आश्वासन दिया है। राजेश पराशर ने कहा कि उन्होंने न्यूनतम 5 रुपये को 15 रुपये तक बढाने कि मांग भी रखी है क्योंकि यह न्यूनतम किराया वर्षों से चला आ रहा है। इसे अब बढाया जाना चाहिए।

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