धर्मशाला, 13 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि क्रिप्टो करंसी के नाम पर शातिरों ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पैसा डबल करने के चक्कर में करीब 2.5 लाख लोगों ने क्रिप्टो करंसी में पैसा लगाया था। इस सारे मामले में करीब दो हजार करोड़ का फ्रॉड हुआ है, जबकि 400 करोड़ के करीब लोगों का पैसा डूब चुका है, फिलहाल जांच जारी है और फ्रॉड का दायरा और भी बढ़ सकता है। डीजीपी संजय कुंडू ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक कुछ लोगों को गिरफतार भी किया जा चुका है तथा पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में पहली एफआईआर 24 सितंबर को पालमपुर थाना में दर्ज हुई थी, जिसके बाद फ्रॉड की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई, फ्रॉड का दायरा भी बढ़ता गया। अब तक जांच में यही सामने आया है कि लोगों ने पैसा डबल करने के चक्कर अपनी सारी पंूजी क्रिप्टो करंसी में निवेश कर दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच में यह भी सामना आया है कि शातिर डिजिटल तरीके से इस फर्जी करंसी को अपडेट करते थे, जैसे उसका रेट कितना बढ़ा और कितने डॉलर तक पहुंचा। लोग डिजिटल तौर पर इसे देखकर अपना निवेश और बढ़ा देते थे। क्रिप्टो करंसी के नाम पर यह फर्जी रैकेट चलाने के लिए लोगो को एंजेट बनाकर और दो लोगों को निवेश करने के लिए कहा जाता था, जब वे निवेश करते थे तो उन्हें अच्छा खासा कमीशन भी मिलता था और एक चेन सी बनती गई।
रिश्तेदारों के भरोसे पर लुटा दी गाढ़ी कमाई
पुलिस जांच एक चीज यह भी सामने आई कि लोग अपने रिश्तदारों और आसपड़ोस को लोगों को टारगेट कर निवेश करवाते था। लोग भी अपने करीबी के भरोसे में आकर निवेश कर देते थे, लेकिन इस फ्रॉड की जानकारी एजेंट तक को भी नहीं थी।
मंडी जिला के बल्ह से है मुख्य आरोपी
क्रिप्टो करंसी को मुख्य सरगना सुभाष है जो कि हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के बल्ह का रहने वाला है। फिलहाल वह फरार है, लेकिन हिमाचल पुलिस जल्द ही उसे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाकर ही दम लेगी।