शिमला, 21 अक्टूबर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ की शुरूआत शनिवार को कुल्लू जिला से की और प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज के लाभ प्रदान किए। कुल्लू के रथ मैदान से मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर जिला कुल्लू में मकान बनाने के लिए पहली किस्त के रूप में 9.72 करोड़ रुपए की राहत राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी की। यह मुआवजा राशि जिला में आपदा के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को उनके पुनर्वास के लिए प्रदान की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गत जुलाई माह में कुल्लू से उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों की शुरूआत की थी और आज यहीं से राहत राशि बांटने की योजना का भी शुभांरभ किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के संसाधन सीमित हैं, लेकिन वर्तमान सरकार प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
सुक्खू ने कहा कि आपदा के बीच जब वे कुल्लू पहुंचे तो यहां न बिजली थी, न पानी था और सड़कें टूटी हुई थी। इस बड़े बचाव अभियान की उन्होंने स्वयं निगरानी की। अधिकारियों, कर्मचारियों और आम लोगों के सहयोग से 48 घंटे के भीतर सभी आवश्यक सुविधाओं को अस्थाई रूप से बहाल किया गया और 75 हजार से अधिक पर्यटकों व 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला। फंसे हुए लोगों के लिए खाने, पीने और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध करवाया गया, जिसकी प्रशंसा पूरे देश ने की है।
उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में ऐसी आपदा कभी नहीं आई और प्रदेश के लोगों ने पूरी मजबूती के साथ इसका सामना किया है। प्रदेश को 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ। लगभग 16 हजार घरों को नुकसान पहुंचा जिनमें से 13 हजार घर पूरी तरह से टूट गए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आम आदमी और गरीब की सरकार है तथा उनके दुःख-दर्द को बेहतर ढंग से जानती है। इसीलिए 75 हजार करोड़ का कर्ज और सरकारी कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ की देनदारियां होने के बावजूद राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज जारी किया है। जिसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाते हुए 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर को आंशिक क्षति होने पर मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दुकान तथा ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को 25 हजार रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। गौशाला को हुए नुकसान की भरपाई की राशि 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई है। प्रदेश सरकार किराएदारों के सामान के नुकसान पर 2500 रुपये की मुआवजा राशि में 20 गुणा बढ़ोतरी कर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। दुधारू तथा भार उठाने वाले पशुओं की मृत्यु पर 55 हजार रुपये जबकि बकरी, सुअर, भेड़ तथा मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। कृषि तथा बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विशेष पैकेज 24 जून, 2023 से 30 सितम्बर, 2023 तक प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तीसरी टीम प्रदेश में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंच गई है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से विशेष राहत का कोई पैसा नहीं मिला है। जब भी केंद्र से विशेष राहत पैकेज की धनराशि मिलेगी, वह स्वयं केंद्र सरकार का धन्यवाद करने जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार 12000 करोड़ रुपए के दावे भेजे हैं, अब कम से कम वही धनराशि हिमाचल को दी जाए, ताकि राज्य सरकार प्रभावितों की और मदद कर सके।