शिमला, 29 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस की नई सरकार द्वारा उन संस्थानों एवं दफ्तरों को बंद करने का सिलसिला जारी है, जो पूर्व भाजपा शासन में खुले थे। इस कड़ी में
कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने जल शक्ति विभाग के दो सर्किलों समेत 32 दफ्तरों पर ताले जड़ दिए हैं। ये सर्किल व दफ्तर 04 अप्रैल 2022 के बाद खुले थे। इनमें जलशक्ति महकमे के सेक्शन ऑफिस, सर्किल ऑफिस, डिविजन और सब डिविजन भी शामिल हैं। जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने इन्हें बंद करने सम्बंधी आदेश जारी किये हैं। साथ ही इनमें कार्यरत स्टाफ को ईएनसी दफ्तर शिमला में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। इन्हें बंद करने के पीछे सुक्खू सरकार तर्क है कि पूर्व भाजपा सरकार ने बिना बजट प्रावधान किए ये दफ्तर खोले है।
आदेश के मुताबिक दरंग विधानसभा क्षेत्र में जल शक्ति सर्किल बल्ह, पच्छाद में राजगढ़ डिवीजन, नाचन में जल शक्ति सेक्शन ऑफिस हाथगड़, कसुम्प्टी में जल शक्ति सेक्शन ऑफिस बलगड़, रोहड़ू में सेक्शन ऑफिस डोडराक्वार, श्रीरेणुका जी में सेक्शन ऑफिस गट्टाधर, सुंदरनगर में सब डिवीजन कांगो, ऑफिस चुराड़ और सब डिवीजन निहारी, अर्की में सब डिवीजन कुनिहार, घुमारवी में सब डिवीजन कुठेरा, सुजानपुर सब डिवीजन को डिनोटिफाई किया गया।
इसी तरह नादौन विधानसभा क्षेत्र में नादौन डिवीजन, करसोग में जल शक्ति सेक्शन ऑफिस केओ, चंबा में सब डिवीजन साहो, चितंपूर्णी में सब डिवीजन अंब, भोरंज विधानसभा डिवीजन, सुलह में सेक्शन ऑफिस दुहक, ज्वालामुखी में सब डिजीवन मझीण, श्रीनयना देवी जी में कोठीपुर डिवीजन, सराज में बालीचौकी डिवीजन व सर्किल ऑफिस सराज, धर्मशाला में सब डिवीजन तेंग, घुमारवी में सेक्शन ऑफिस बघेर, झंडुता में सब डिवीजन तलाई और नगरोटा बगवां में सेक्शन ऑफिस कंडी को डिनोटिफाई किया गया।
इसके अलावा कसौली विधानसभा क्षेत्र के धर्मपुर डिवीजन, भोरंज में सब डिवीजन समीरपुर, सुलह में सर्किल ऑफिस भवारना, कांगड़ा जल शक्ति डिवीजन, मनाली में कटरेन सब डिवीजन, धर्मशाला में सेपरेट इरिगेशन विंग और हमीरपुर में सब डिवीजन ढिढवीं टिक्कर को डिनोटिफाई किया गया है।
नादौन और सिराज क्रमशः मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चुनावी हल्के हैं और इन दोनों हल्कों में खुले जलशक्ति विभाग के डिवीजन और सर्किल ऑफिस को भी डिनोटिफाई किया गया है।
इन्हें बंद करने के पीछे सुक्खू सरकार तर्क है कि पूर्व सरकार ने बिना बजट प्रावधान किए ये दफ्तर खोले है।