दिल्ली में दिखेगी हिमाचल की संस्कृति की झलक, 15 दिन चलेगा हिमोत्सव

शिमला, 13 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल्द ही हिमाचल प्रदेश की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। 16 दिसंबर से 30 दिसंबर तक राजधानी दिल्ली में हिमाचल सरकार हिमोत्सव का आयोजन करने जा रही है। इस हिमोत्सव में हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक कला, संस्कृति, परिधान और स्वादिष्ट व्यंजनों का ज़ायका उपलब्ध होगा। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में 16 दिसंबर से हिमोत्सव की शुरुआत होगी। हिमाचल की संस्कृति को दिखाता हुआ यह कार्यकर्म 30 दिसंबर तक चलेगा।

हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि इस आयोजन के जरिये 15 दिनों तक हिमाचल प्रदेश की संस्कृति की झलक दिल्ली में देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान हिमाचल प्रदेश के कोने कोने में बसे हैंडलूम कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों को राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का मौका मिलेगा।

हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि हिमोत्सव में हिमाचल के पारंपरिक परिधान, हैंडलूम उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके अलावा यहां हिमाचल के विभिन्न जिलों के व्यंजन भी लोगों के लिए उपलब्ध होंगे। इसके अलावा हिमाचल की संस्कृति को दिखाते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हिमोत्सव में करवाए जाएंगे। साथ ही इसमें विशेष तौर पर हिमाचल के परिधानों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हिमाचली फैशन शो भी कराया जाएगा.

केंद्र की ओर से आपदा के लिए जारी 633.73 करोड रुपए की राहत राशि पर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश लंबे समय से केंद्र से मदद का इंतजार कर रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार का इस मदद के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा में बहुत नुकसान पहुंचा है। ऐसे में प्रदेश को एक स्पेशल राहत पैकेज की जरूरत है और प्रदेश सरकार उम्मीद करती है कि केन्द्र और सहयोग प्रदेश को देगा।

आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सुरक्षा को लेकर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक तय है। इसमें सुरक्षा के मामले में किसी भी तरह की चूक नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा हालांकि यह मामला विधानसभा अध्यक्ष के कार्य क्षेत्र का है लेकिन संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते वह सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक होने नहीं देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *