शिमला, 16 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश में शीतलहर से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। राज्य के चार जिलों का पारा माइनस में पहुंच गया है। आलम यह है कि मैदानी इलाकों में भी न्यूनतम तापमान शून्य के नीचे दर्ज किया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में भीषण ठंड के प्रकोप से झीलें, झरने और अन्य प्राकृतिक जलस्त्रोत जम गए हैं। मैदानी क्षेत्रों ऊना और मंडी की रातें पहाड़ों की रानी शिमला से ठंडी हैं।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की रात लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिलों का पारा माइनस में रिकार्ड किया गया। लाहौल-स्पीति जिला में चीन सीमा से सटा समधो सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां न्यूनतम तापमान -3.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। किन्नौर जिला के कल्पा में पारा -1 2, कुल्लू जिला के भुंतर में -1 और मंडी जिला के सुंदरनगर में -0.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है। इसके अलावा शिमला व धर्मशाला में न्यूनतम तापमान 5.4, ऊना में 2.2, नाहन में 7.2, सोलन में 1, पालमपुर में 3, मंडी में 0.1, चम्बा में 2, डल्हौजी में 5.3, जुब्बड़हट्टी में 6.8, कुफरी में 5.9, नारकंडा में 3.5, रिकांगपिओ में 0.4, सियोबाग में 1, धौलाकुआं में 5.3 और बरठीं में 2.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
शिमला सहित राज्य के अधिकांश शहरों में शनिवार को मौसम साफ रहा और लोगों ने गुनगुनी धूप का लुत्फ उठाया।
इस बीच प्रदेश में अगले चार दिन भी धूप खिली रहेगी और तापमान में कोई खास बदलाव नहीं आएगा। लेकिन 22 दिसम्बर को मौसम के बिगड़ने के आसार हैं। मौसम विभाग ने 22 दिसम्बर को राज्य के मध्यपर्वतीय और उच्च पर्वतीय इलाकों में बारिश व बर्फ़बारी की संभावना जताई है। इस दौरान शिमला, कुल्लू, चम्बा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में बर्फ गिरने का पूर्वानुमान है। शिमला में इस मौसम में अभी तक सैलानियों को बर्फ़बारी का दीदार नहीं हुआ है। यहां घूमने आए सैलानी विंटर सीजन की पहली बर्फ़बारी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। शिमला में अक्सर दिसम्बर के महीने में बर्फबारी होती है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से जनवरी के महीने में यहां भरपूर बर्फ़बारी देखी जा रही है। खास बात यह है कि पिछले वर्ष पूरे विंटर सीजन के दौरान शिमला शहर में बर्फ़बारी नहीं हुई थी।