शिमला, 19 फरवरी। हिमाचल विधानसभा में बीते शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा वितीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश बजट पर चर्चा शुरू हुई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का बजट पूरी तरह से दिशाहीन है और इससे किसी भी वर्ग को कोई राहत नहीं मिली है। जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार ने इस बार भी अपने पिछले बजट को ही दोहराया है। वित वर्ष 2023-23 बजट की योजनाओं को जमीन पर नहीं उतारा गया। उन्होंने सरकार द्वारा प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शाए गई 7.1 फीसदी की विकास दर पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बजट में कई मदों पर कटौती की गई है। सरकार ने बजट में जो आंकड़ा पेश किए हैं, वो तथ्यपरक नहीं है। बजट में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए राजस्व प्राप्तियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार के शराब की आबकारी नीति से दर्शाए राजस्व के आंकड़ों पर भी सवाल उठाए और कहा कि शराब से 1855 करोड का राजस्व दर्शाया गया है और इसमें पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी बढ़ोतरी की बात कही गई है, लेकिन हकीकत में यह बढ़ोतरी 16-17 फीसदी ही है। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में बदलाव से 40 फीसदी बढ़ोतरी के मुताबिक अभी तक 2500 करोड आना चाहिए था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आबकारी नीति में बदलाव कर बड़े ठेकेदारों को लाभ दिलाने की कोशिश की गई। उन्होंने प्रदेश की आबकारी नीति की दिल्ली की केजरीवाल सरकार से समानता करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ऐसी ही नीति लाई थी और उनके तीन मंत्री सलाखों के पीछे चले गए हैं। अब ऐसे हालात हिमाचल में भी होंगे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार अंग्रेजी शराब की लिफ्टिंग 11 दशमलव 60 फीसदी कम हुई है। बीयर की लिफ्टिंग में भी 12 दशमलव 50 फीसदी कमी आई है। उन्होंने सवाल किया कि जब लिफ्टिंग कम हुई तो राजस्व कैसे बढ़ेगा। उन्होंने सवाल किया कि अगर राजस्व बढ़ा है तो कर्मचारियों की सैलरी व डीए क्यों रुके हैं। इसी तरह बंद किए संस्थान क्यों नहीं खोले जा रहे।
नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस सरकार की गारंटियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनावों के दौरान घोषित की गई कोई भी गारंटी वतर्मान सरकार ने पूरी नहीं की। कांग्रेस सरकार ने अटल आदर्श स्कूल शुरू की थी लेकिन सरकार ने राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग के नाम से स्कूल खोलने की घोषणा की, मगर अभी तक इन स्कूलों को खोलने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। महिलाओं को 1500 रुपए की गारंटी को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। दूध की गारंटी पूरी न कर इसमें हल्की बढ़ोतरी की है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट में रोजगार का उल्लेख नहीं है, जबकि सरकार ने हर साल एक लाख नौकरियों की घोषणा की थी। पिछले बजट में सरकार ने 30 हजार नौकरियां देने का ऐलान किया था, लेकिन एक साल बीत गया है. एक भी नौकरी नहीं दी। प्रदेश सरकार ने करुणामूलक आश्रितों की बात सुनना बंद कर दिया। उन्होंने सरकार से कहा कि वह भंग कर्मचारी कर्मचारी चयन आयोग की लंबित भर्तियों के परिणाम निकालने के बारे में सोचे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारी हितैषी होने की बात करती है, लेकिन आज करूणामूलक, आउटसोर्स तो सड़कों पर है, लेकिन जिनकी नौकरी पक्की है, उनको वेतन के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। सरकार का एक साल हो गया है न एरियर और न ही डीए दिया है। सरकार ने पहले बोर्ड व निगमों में भी कर्मचारियों को ओपीएस देने की बात कही थी, अब ओपीएस में उनकी गिनती ही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ओपीएस लागू तो कर दिया और अब केंद्र से नौ हजार करोड़ मांग रही है जबकि यह पैसा कर्मचारियों का है, यह प्रदेश सरकार के खजाने की बजाय कर्मचारियों को मिलेगा।