शिमला, 19 फरवरी । हिमाचल विधानसभा के शिमला में चल रहे बजट सत्र में सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान सतापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने हिस्सा लिया। सतापक्ष ने जहां बजट की सराहना की वहीं विपक्ष ने बजट की आलोचना करते हुए सरकार पर कड़े प्रहार किए।
कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया ने बजट का समर्थन करते हुए कहा कि प्रदेश की 90 फीसदी आबादी गांवों में बसती है और इस बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दृष्टि से अहम कदम उठाए गए हैं। इसके लिए लिए जैविक खेती को तवज्जो दी गई है। बजट में गाय व भैंस के दूध के समर्थन मूल्य में बढ़ौतरी सहरानीय है। उन्होंने कहा कि किसानों बागवानों को प्रोत्साहित करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। इससे लोगों को गांवों से शहरों की तरफ पलायन नहीं करना पडेगा। भवानी सिंह पठानिया ने इसे सर्वहितकारी बजट करार दिया और कहा कि युवाओं, बागवानों, कसानों, महिलाओं और खिलाड़ियों का बजट में विशेष तौर पर ख्याल रखा गया है। पंजाब और महाराष्ट्र की तरह खिलाड़ियों की धनराशि बढाई गई है।
भाजपा के सुखराम चैेधरी ने बजट में हिस्सा लेते हुए कहा कि बजट में गारंटियों को पूरा करने की दिशा में कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि रोजगार, गोबर, 300 युनिट मुफत बिजली की गारंटियों का बजट में कोई उल्लेख नहीं है। सुखराम ने इसे नीरस बजट करार दिया और कहा कि हर साल एक लाख नौकरियों की घोषणा करने वाली सरकार ने बेरोजगारों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके विधानसभा हल्के पांवटा साहिब में 24 संस्थान बिना गुण दोष देखे बंद कर दिए। इसके अलावा दो सब तहसीलें, पटवार व कानूनगो सर्कल और बिजली सब डिविजन भी बंद कर दिए गए। उन्होंने कहा कि यह सरकार एक साल में संस्थानों को बंद करने वाली और विकास को विराम लगाने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि बजट की 80 फीसदी स्कीमें केंद्र सरकार की हैं और इन स्कीमों में केंद्र सरकार ही पैसे का प्रावधान करता है।
कांग्रेस के रामकुमार ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए बजट को सर्वहितकारी करार दिया और कहा कि बजट में प्रदेश की जनता को लगने वाले टैक्सों से राहत दी है। मुख्यमंत्री ने कर मुक्त बजट पेश किया है। उन्होंने कहा कि बजट में खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि में बढ़ौतरी की घोषणा सराहनीय है। शराब के ठेकों की नीलामी से आबकारी विभाग के राजस्व में अभूतपूर्वक वृद्वि हुई है।
भाजपा के बिनोद कुमार ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए सरकार पर पिछले बजट की घोषणाओं को धरातल पर न उतारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में कई घोषणाएं की थी, लेकिन इन्हें पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कि मेडिकल कालेज में चरणबढ़ तरीके से सर्जरी और पैटस्कैन की सुविधा देने की सुविधा नहीं मिल पाई है। इसी तरह राज्य में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल नहीं खुले। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट में युवा, बेरोजगार, किसान बागवान महिलाओं को ठगने का प्रयास किया और किसी भी वर्ग का ध्यान नहीं रखा।
कांग्रेस के किशोरी लाल ने बजट की सराहना करते हुए इसे भविष्योन्मुखी करार दिया। उन्होंने कहा कि 75 हजार करोड़ के कर्ज और आपदा में 12 हजार करोड़ का नुकसान के बावजूद मुख्यमंत्री ने संतुलित बजट पेश करते हुए हर वर्ग को राहत प्रदान की है। किशोरी लाल ने कहा कि प्रदेश के लोग इसका समर्थन कर रहे हैं लेकिन भाजपा को यह हजम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ओपीएस लागू कर 1 लाख 15 हजार कर्मचारियों को लाभांवित किया है। युवाओं के लिए 680 करोड़ की स्टार्टअप योजना शुरू की गई। आपदा प्रभावितों के लिए 45 हजार करोड़ का पैकेज लाया गया। उन्होंने कहा कि बीते साल आपदा में मदद का सरकार का प्रयास सराहनीय रहा।
निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की आय बढ़ाने के लिए बेहतरीन काम किया है। उन्होंने वाटर सेस लगाने और आबकारी नीति में संशोधन को प्रदेश सरकार की अच्छी पहल करार दिया। उन्होंने कहा कि आपदा में भारी नुकसान के बावजूद सरकार ने संवेदनशीलता से काम किया और रिलीफ मैन्यूअल में बदलावा करते हुए आपदा प्रभावितों को राहत दी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में एक्साइज डयूटी कम करना भी सराहनीय कदम है, लेकिन इस क्षेत्र में अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है।