शिमला, 25 जनवरी। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने पूर्व भाजपा शासन के दौरान नगर निगम शिमला में बनाए गए 07 नए वार्डों को निरस्त कर दिया है। पूर्व भाजपा सरकार ने नगर निगम चुनाव से पहले नए वार्डो का गठन कर वार्डो की कुल संख्या 41 कर दी थी। अब सुक्खू सरकार ने फैसला बदलते हुए बढ़ाए गए 41 वार्डों को घटाकर दोबारा 34 कर दिया है। हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशोधन अध्यादेश 2023 लाकर हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1994 में संशोधन कर नए वार्डो को खत्म कर दिया है।
इसे लेकर राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया है। मंगलवार देर शाम जारी अधिसूचना के मुताबिक मार्च माह में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में सरकार द्वारा इससे संबंधित विधेयक पारित किया जाएगा।
जयराम सरकार ने बनाये थे शहर में 07 नए वार्ड
पूर्व की भाजपा शासित जयराम ठाकुर सरकार ने नगर निगम अधिनियम में संशोधन कर शिमला नगर निगम में 07 नए वार्ड बनाए थे। इनमें शांकली, लोअर खलिनी, लोअर विकासनगर, ब्रोकहोस्ट, कुसुम्पटी-2, ढींगूधार, लोअर कृष्णा नगर वार्ड शामिल हैं। हालांकि नए वार्डों के गठन पर खूब सियासी बबाल मचा था। वार्डों के परिसीमन को लेकर विवाद उठने के बाद मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। 05 वार्डों के परिसीमन विवाद के चलते मई 2022 में प्रस्तावित शिमला नगर निगम के चुनाव भी तय समय पर नहीं हो पाए। अब सुक्खू सरकार ने नए वार्ड बनाने के पिछली जयराम सरकार के फैसले को ही पलट दिया है।
34 वार्डों पर नगर निगम चुनाव का रास्ता साफ
राज्य सरकार द्वारा 7 वार्डों को निरस्त करने के बाद 34 वार्डो पर चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए आरक्षण का रोस्टर नए सिरे से बनेगा और सभी वार्डों की वोटर लिस्ट को भी नए सिरे से तैयार किया जाएगा।
वर्तमान में प्रशासक के हवाले नगर निगम शिमला
गौर हो कि नगर निगम शिमला में पिछले 05 वर्ष में भाजपा का राज रहा है। 2017 में हुए चुनाव में भाजपा ने 34 में से 17 वार्डों में जीत हासिल की थी। कांग्रेस को 14 वार्डों में जीत मिली थी, जबकि 03 वार्डो पर निर्दलीय जीते थे। भाजपा शासित नगर निगम शिमला का कार्यकाल 18 जून 2022 को खत्म हो चुका है। वर्तमान में नगर निगम को प्रशासक चला रहा है। जिला शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी नगर निगम के प्रशासक हैं।