सुक्खू बने रहेंगे सीएम, सरकार और संगठन के तालमेल के लिए कोऑर्डिनेशन कमेटी का एलान

शिमला, 29 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के छह विधायकों की क्रॉस वोटिंग से राज्यसभा सीट हारने के बाद कांग्रेस सरकार पर मंडरा रहा बिखराव का संकट खत्म हो गया है। कांग्रेस हाईकमान के पर्यवेक्षक सरकार में चल रहे गतिरोध को सुलझाने में कामयाब रहे। हाईकमान ने सरकार में नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान को भी शांत कर दिया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हाईकमान द्वारा भेजे गए कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने शिमला में गुरुवार को सुक्खू सरकार के एकजुट होने का दावा किया। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में सरकार और संगठन के बीच तालमेल के लिए छह सदस्यीय कोऑर्डिनेशन कमिटी का भी एलान किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह इसके सदस्य होंगे जबकि तीन सदस्य हाई कमान की ओर से तय कियव जाएंगे, जिनकी घोषणा दिल्ली में होगी। सूबे में राज्यसभा की एकमात्र सीट हारने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर ली है।

कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर शिमला आए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवाकुमार ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास ओकओवर में पत्रकार वार्ता में बताया कि यह कमेटी सरकार और संगठन में तालमेल का काम करेगी। उन्होंने कहा कि सभी मंत्रियों, विधायकों और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बात हुई है। सब मिलकर इकट्ठे काम करेंगे। भाजपा झूठी अफवाहें फैला रही है। डीके शिव कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सभी को इकट्ठा लेकर चलेंगे।

वहीं कांग्रेस के दूसरे पर्यवेक्षक हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव हारने का हिमाचल में पार्टी को अफसोस है। उन्होंने कहा कि आज सभी से बात करके मतभेद दूर हुए हैं और पार्टी एक होकर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी।

हुड्डा ने कहा कि छः सदस्य कोऑर्डिनेशन कमेटी के तीन सदस्यों का भी चयन कर लिया गया है लेकिन इसकी घोषणा दिल्ली से की जाएगी। यह कमेटी किसी भी मतभेद में सबसे बात करेगी।

हुड्डा ने आगे कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक पांच साल तक सरकार चाहते हैं। यहां कोई भी ऑपरेशन लोटस नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित करने का फैसला विधानसभा अध्यक्ष का नियमों के अनुसार है।

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि राज्यसभा चुनाव हारने का पार्टी को दुख है। उन्होंने कहा कि अगली चुनौती लोकसभा चुनाव जीतने की है और हमें कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है।

प्रतिभा सिंह ने कहा कि जो भी सरकार और संगठन के बीच विवाद है वह आज बातचीत से हल हो गए हैं। इसीलिए संगठन और सरकार के तालमेल के लिए कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाई गई है। सरकार और पार्टी मतभेदों  को हल करेगी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में जो भाजपा ने किया है वह गलत है। मेरे त्यागपत्र देने की गलत अफवाह भी भाजपा ने फैलाई थी। भाजपा को सता की भूख सता रही है इसीलिए वह ऐसी चीजों पर उतारू है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के छः विधायकों को कांग्रेस ने सस्पेंड नहीं किया है। नियमों के अनुसार उनकी सदस्यता गई है।

सुक्खू ने कहा कि यह ये छह अयोग्य विधायक हिमाचल की जनता का सामना कभी नहीं कर पाएंगे। यह सरकार गिराने का षड्यंत्र है और इसका जनता जवाब देगी।

उन्होंने यह भी कहा कि यह छह विधायक हमारे भाई हैं। अगर वह वापस आते हैं तो उनका स्वागत है।

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