हमीरपुर, 05 मार्च। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यहां दोसड़का के पुलिस मैदान में आयोजित एक समारोह में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के राष्ट्रीय राजमार्गों और सीआईआरएफ के अंतर्गत विभिन्न सड़क परियोजनाओं और पुलों के शिलान्यास एवं उदघाटन किए। उन्होंने कुल्लू जिले के बिजली महादेव रोपवे की आधारशिला भी रखी।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि लगभग 4000 करोड़ रुपये की इन विभिन्न परियोजनाओं से हिमाचल प्रदेश के विकास को बल मिलेगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन चल रही विभिन्न परियोजनाओं का विस्तृत ब्यौरा भी दिया और इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने की घोषणा की।
इससे पहले, नितिन गडकरी का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि अकेले हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लिए ही लगभग 3000 करोड़ रुपये के शिलान्यास एवं लोकार्पण करके क्षेत्र की जनता को बहुत बड़ी सौगात दी गई है। उन्होंने बताया कि हमीरपुर-बिलासपुर सड़क को फोरलेन बनाया जाएगा और अगले एक वर्ष में हिमाचल प्रदेश में सड़क परियोजनाओं पर लगभग एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हिमाचल का पहला रिंग रोड हमीरपुर में बनाया जाएगा। गोविंदसागर झील पर लगभग 900 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक पुल बनाया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य सड़क परियोजनाओं पर भी अरबों रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस अवसर पर लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी प्रदेश सरकार की ओर से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का स्वागत किया और कुछ मांगें भी रखीं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बरसात के मौसम में प्रदेश भर में सड़कों को हुए भारी नुक्सान का केंद्रीय मंत्री ने स्वयं निरीक्षण किया था तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से मदद का आश्वासन दिया था। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने इस संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी करके सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिए हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इनकी धनराशि तुरंत जारी करने का आग्रह किया।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि मटौर-शिमला नेशनल हाईवे के कुछ हिस्सों को टू लेन ही रखा गया है। इस पूरे हाईवे को फोरलेन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जोगिंद्रनगर और कुल्लू को जोड़ने के लिए भूभू जोत टनल का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। उन्होंने सीआईआरएफ के तहत प्रदेश की अन्य सड़क परियोजनाओं के लिए भी धनराशि का प्रावधान करने का आग्रह किया।