शिमला, 04 मार्च। हिमाचल प्रदेश में सियासी सरगर्मियां फिर बढ़ गई हैं। राज्य की सत्तारूढ़ सुक्खू सरकार पर सियासी संकट टलने के बाद विपक्षी दल भाजपा ने अपने विधायकों की सदस्यता रद्द करने की आशंका जताई है। नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि वर्तमान में प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है और कांग्रेस सरकार किसी न किसी ढंग से सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने सोमवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आनन-फानन में प्रिवलेज कमेटी का गठन किया गया और भाजपा के विधायकों को नोटिस भजे गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार छह कांग्रेसी विधायकों की तरह भाजपा के विधायकों की भी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मंशा से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सदन के अंदर विधायकों को कागज उछालते, माइक तोड़ते हुए भी देखा गया. लेकिन उन पर भी इस तरह की करवाई नहीं की गई. जयराम ठाकुर ने कहा कि वह इस मामले के सभी कानूनी पक्षों को देखकर हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है।
जयराम ठाकुर ने महिलाओं को 1500 दिए जाने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि बजट पास होने के 6 दिनों के बाद इस तरह की घोषणा करने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश की महिलाओं को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 1 अप्रैल से सभी महिलाओं को 1500 देने का जिक्र किया. मुख्यमंत्री ने 18 से 60 साल की 5 लाख महिलाओं को 1500 देने की बात कही। लेकिन हिमाचल प्रदेश में 18 से 60 साल की उम्र की महिलाओं का आंकड़ा 22 लाख है। सरकार सिर्फ सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त महिलाओं को ही पेंशन दे रही है। उन्होंने कहा की सरकार अपनी गारंटी से मुकर गई है और प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन से विपक्ष के विधायकों को निष्कासित करके बजट पास किया गया. अब चुनाव से ठीक पहले महिलाओं को 1500 पेंशन देने की घोषणा की जा रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं।