मारकंडा के बाद बीजेपी के एक और पूर्व विधायक हुए ‘बागी’

सोलन। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव काफी दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है. कांग्रेस के छह बागी विधायकों के साथ तीन निर्दलीय विधायकों के बीजेपी में शामिल होते ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य सरकार अल्पमत में आ जाएगी. उपचुनाव के बाद सुक्खू की सरकार गिर जाएगी. जबकि अब बीजेपी में शामिल कांग्रेस के बागी और निर्दलीय विधायकों का विरोध पार्टी के अंदर ही शुरू हो गया है. अभी ताजा मामला नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र का है. यहां से केएल ठाकुर निर्दलीय और लखविंदर राणा बीजेपी विधानसभा (विस) चुनाव में आमने-सामने थे. जिसमें केएल ठाकुर की जीत हुई थी.

अब केएल ठाकुर के बीजेपी में शामिल होने से लखविंदर राणा अपना पत्ता कटता हुआ देख रहे है. इसी बात का विरोध उन्होंने शुरू कर दिया है. लखविंदर राणा ने कहा कि विस चुनाव में यही केएल ठाकुर भाजपा नेताओं को भला-बुरा कह रहे थे. दरअसल मंगलवार को नालागढ़ में मंडल की बैठक आयोजित की गई थी. इसी दौरान नालागढ़ के पूर्व विधायक लखविंदर राणा ने निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर पर तंज कसा. लखविंदर राणा ने केएल ठाकुर को भ्रष्टाचारी बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी ऐसे व्यक्ति पर कैसे भरोसा कर सकती है. दिलचस्प बात यह है कि जब लखविंदर सिंह राणा जुबानी बाण भाजपा की ओर छोड़ रहे थे तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल चुप्पी साधे बैठे हुए थे.

लखविंदर राणा ने कहा कि उनसे बहुत बड़ी गलती हुई है कि उन्होंने कांग्रेस को छोड़ा है अगर आज वह कांग्रेस में होते तो निश्चित रूप से मंत्री होते. उन्होंने कहा कि आज निर्दलीय विधायक पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं और ऐसे भ्रष्टाचारी नेता को भाजपा में दोबारा से लिया गया है, जिन्होंने 15 महीने पहले भाजपा को गालियां देकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. लखविंदर राणा के बयान के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि लखविंदर अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. आने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ सकते हैं. खैर ये तो समय ही बताएगा लेकिन इससे एक बात तो तय हो गई है कि बीजेपी के लिए रास्ता आसान नहीं होने जा रहा है. आने वाले उपचुनाव में उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. बीजेपी के अंदर ही पार्टी के नेताओं का असंतोष साफ दिख रहा है.

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