2008 में चार्जशीट के खिलाफ मानहानि मामले पर बोले मंत्री जगत सिंह नेगी, प्रदेश में सत्तासीन सरकारों का सत्ता से बाहर सरकारों खिलाफ चार्जशीट बनाने की परिपाटी नहीं उचित

शिमला : बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी का भाजपा नेताओं पर किया गया मानहानि दावा एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. बीते रोज़ हिमाचल हाईकोर्ट ने बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के मानहानि मुकदमे में दायर याचिका में भाजपा के 9 वरिष्ठ नेताओं को नोटिस जारी किए हैं। इसमें दो पूर्व मुख्यमंत्री प्रो.प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के साथ प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल समेत कई पूर्व मंत्रीयों के नाम शामिल हैं. इस मामले में अब जगत सिंह नेगी का बयान भी सामने आया है. उहोंने कहा कि प्रदेश में शुरू हुआ यह चार्जशीट दायर करने का प्रचलन उचित नहीं है.

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुछ सालों से एक नई कवायत शुरू हुई है. इसमें सत्तासीन सरकार सत्ता से बाहर चल रही सरकार के खिलाफ चार्जशीट बनती है. उन्होंने कहा यह प्रचलन उचित नहीं है, इसमें ज्यादातर चार्जशीट तथ्यों से बाहर होती है. जगत सिंह नेगी ने कहा कि 2008 में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने ऐसी एक चार्जशीट दायर की थी. इसमें उनका नाम भी शामिल था. इस चार्जशीट में उनके खिलाफ आरोप लगाए गए थे जो बिल्कुल निराधार थे. इसमें उनके स्वर्गवासी भाई के कामों के साथ उनका संबंध बताया गया था, जबकि ऐसा नहीं है. ऐसे में उन्होंने सिजेम कोर्ट रिकांग पीओ में में भाजपा नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दफा 500 में दर्ज किया था. 9 वर्षों तक मानला लटकता रहा. इसके बाद कोर्ट ने केवल पूर्व विधायक तेजवंत नेगी को नोटिस भेजा ऐसे में उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. जिसके बाद अब सभी 9 भाजपा वरिष्ठ नेताओं को नोटिस भेजे गए हैं इसमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम शामिल है. जगत सिंह नेगी ने कहा कि मामला अब उच्चन्यायालय में है और इस मामले पर न्यायालय अपना फैसला सुनाएगा.

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