शिमला। साहित्यकारों ने हिमाचल निर्माता और पहाड़ी भाषा एवं संस्कृति प्रेमी डॉ. यशवन्त सिंह परमार की दो दिवसीय राज्य स्तरीय जयंती समारोह का आयोजन हिमाचल कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी द्वारा शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में किया गया। इस अवसर पर 3 अगस्त को अन्तरविद्यालय और अन्तरमहाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं की निबंध लेखन एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई। 4 अगस्त को साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, कार्यक्रम में पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वतंत्रता सेनानी कल्याण मंच सिरमौर के अध्यक्ष श्री जय प्रकाश चैहान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार एवं भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त श्रीयुत् श्रीनिवास जोशी ने की।
साहित्यिक संगोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार पी.सी. लोहमी ने ‘डॉ. परमार – एक भविष्य द्रष्टा राजनेता‘ विषय पर शोधपत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने डॉ. परमार के व्यक्तित्व और उनकी दूरदर्शिता पर बहुत ही सारगर्भित व्याख्यान दिया। इस अवसर पर प्रदेश के प्रबुद्ध साहित्यकार – डॉ. ओम प्रकाश राही, श्री के.आर. भारती, डॉ. तुलसी रमण, श्री सुदर्शन वशिष्ठ ने परिचर्चा में भाग लिया और परमार से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और डॉ. राजेन्द्र राजन, श्री जगदीश शर्मा और श्री जय प्रकाश चैहान आदि विद्वानों ने डॉ. परमार से जुड़े अपने संस्मरण सुनाए। इस समारोह में चूडेश्वर लोक नृत्य सांस्कृतिक मंडल सिरमौर और युवा विकास कला मंच रिठोग ज़िला सिरमौर द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक लोक नृत्य और हारूल गायन की बेहतरीन प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।
सचिव अकादमी एवं निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ. पंकज ललित, भारतीय प्रशासनिक अधिकारी ने सभी उपस्थित साहित्यकारों का हृदय से धन्यवाद किया।
कार्यक्रम का मंच संचालन साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण स्नेही ने किया।
इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक श्री मनजीत शर्मा, उप निदेशक श्रीमती कुसुम संघाईक और श्रीमती अलका कैंथला, ज़िला भाषा अधिकारी श्री अनिल हारटा और अकादमी की सहायक सचिव डॉ. श्यामा वर्मा, अनुसंधान अधिकारी श्री स्वतंत्र कौशल, अधीक्षक श्री राकेश कुमार और श्रीमती दिव्या सूद उपस्थित रहे।