करसोग क्षेत्र की बेटियों को राज्य सरकार ने प्रदान किया 33 लाख से अधिक का शगुन


चालू वित्त वर्ष में 17 मामले स्वीकृत, 5 लाख 27 हजार रुपये की विवाह अनुदान राशि की गई प्रदान

प्रदेश की राज्य सरकार जनकल्याण को सर्वोपरी मानते हुए राज्य के बीपीएल, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले और पिछड़े वर्गो के लोगों के उत्थान के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। जिनमें से शगुन योजना भी एक है। इस योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाली 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की लड़कियों व महिलाओं को विवाह के लिए अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। प्रदेश भर में क्रियान्वित की जा रही इस योजना से बीपीएल परिवार सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे है और ऐसे परिवारों की, अपनी लाडली की शादी करवाने में होने वाले व्यय की चिंता कम हुई है।
33 लाख से अधिक अनुदान राशि वितरित
राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से करसोग क्षेत्र के पात्र लाभार्थी भी लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेश की ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार के कार्याकाल में अब तक राज्य सरकार द्वारा करसोग क्षेत्र की बेटियों को शगुन योजना के अन्तर्गत 33 लाख 17 हजार रुपये की विवाह अनुदान राशि प्रदान की जा चुकी है। योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 90 मामले स्वीकृत किए गए थे, जिनमें पात्र लाभार्थियों को कुल 27 लाख 90 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की गई थी, जबकि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक शगुन योजना के तहत क्षेत्र में 17 मामले स्वीकृत किए जा चुके है और स्वीकृत मामलों में पात्र लाभार्थियों को कुल 5 लाख 27 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की गई है।
यह है उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य बीपीएल परिवार से संबंधित बेटियों की शादी में होने वाले व्यय के भार को कम कर, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है। योजना का लाभ बीपीएल परिवार की उन बेटियां को दिया जाता है जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है और हिमाचल प्रदेश की स्थाई निवासी हो। यदि लड़की का विवाह ऐसे लड़के से होता है जो कि हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी नहीं है तब भी वह विवाह अनुदान हेतु पात्र मानी जाएगी।
अनुदान की राशि
बीपीएल परिवारों से संबंध रखने वाली पात्र लड़कियों या महिलाओं को विवाह अनुदान के रूप में राज्य सरकार की ओर से 31 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रत्येक मामले में प्रदान की जाती है। यह अनुदान राशि लड़की के माता-पिता या अभिवावकों को प्रदान की जाती है। राज्य सरकार अनुदान राशि को जीवन यापन हेतू खर्चे को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर इस राशि को बढ़ा भी रही है। इस विवाह अनुदान राशि को संबंधित जिला के जिला कार्यकम अधिकारी स्वीकृत करने के लिए सक्षम हैं। शगुन योजना का लाभ पाने के लिए लड़की के माता-पिता या अभिभावक, लड़की यदि बेसहारा है वह, स्वयं संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी को इस योजना लाभ पाने के लिए अपना आवेदन भेज सकती है। बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा आवेदन पत्र का सत्यापन किया जाएगा।
प्रस्तावित शादी की तारीख से दो माह पूर्व भुगतान
शगुन योजना का लाभ पाने के लिए माता-पिता या अभिभावकों को प्रस्तावित शादी की तारीख से दो माह पूर्व ही विवाह अनुदान राशि का भुगतान किया जा सकता है। यदि विवाह पहले ही हो चुका है, तो विवाह के छह महीने के भीतर भी आवेदक अनुदान राशि के लिए आवेदन कर सकते है। यदि, आवेदक शादी के छः माह के बाद आवेदन करता या करती है तो आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा तथा उसे शगुन योजना के अन्तर्गत लाभ नहीं दिया जाएगा। अनुदान राशि बाल विकास परियोजना अधिकारी के माध्यम से आवेदक के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
यह होना आवश्यक
इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक या लड़की का हिमाचली प्रमाण पत्र, माता-पिता या अभिभावक का या लड़की का स्वयं का बीपीएल प्रमाण पत्र होना चाहिए। यह प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो। लड़की की जन्म तिथि का प्रमाण पत्र। शादी की प्रस्तावित तिथि जो संबंधित पंचायत प्रधान, पार्षद, प्रभारी नारी सेवा सदन, अधीक्षक बालिका आश्रम द्वारा सत्यापित हो। उस व्यक्ति का नाम व पता जिससे लड़की की शादी हो रही है, प्रमाण पत्र। उस व्यक्ति की जन्म तिथि, जिससे लड़की की शादी हो रही है। प्रस्तावित वर की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। आवेदक विवाह अनुदान के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अथवा शगुन योजना में से केवल एक ही योजना के अन्तर्गत पात्र होगा। यदि, विवाह अनुदान राशि का उपयोग वितरण की तिथि से तीन माह की अवधि के भीतर, उस प्रयोजन के लिए नहीं किया जाता है तो स्वीकृत राशि को वापिस बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास जमा करवाना अनिवार्य है।

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