मुख्यमंत्री सूक्खू आज पेश करेंगे अपना पहला बजट, गारंटियों को पूरा करने की चुनौती

शिमला, 17 मार्च। हिमाचल प्रदेश की सुखविन्दर सिंह सुक्खू सरकार आज (शुक्रवार) को वितीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री का जिम्मा संभाल रहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पूर्वान्ह 11 बजे सदन में अपना पहला बजट भाषण पढ़ेंगे।

हिमाचल की खराब माली हालत को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री कड़े आर्थिक फैसले लेने की बात कर चुके हैं। ऐसे में सुक्खू सरकार के पहले बजट के करमूक्त रहने के आसार कम लग रहे हैं। बजट में मुख्यमंत्री सुक्खू कई नई योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं, जिसमें चुनाव के समय कांग्रेस की तरफ से लाए गए घोषणा पत्र की झलक देखने को मिल सकती है।

बेरोजगार युवाओं के लिए बजट में नौकरियों का पिटारा भी खुल सकता है। सुक्खू सरकार के पहले बजट से आम आदमी के अलावा कर्मचारी, महिलाओं और विशेषकर बेरोजगार युवाओं को काफी उम्मीदें हैं।

हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को 1500 रुपये मासिक सम्मान राशि, एक लाख युवाओं को रोजगार इत्यादि कांग्रेस की गारंटियों को पूरा करने के सरकारी दावों के मद्देनजर सभी की निगाहें बजट पर टिकीं हैं।

कृषि क्षेत्र के साथ हिमाचल में निवेश लाने के सरकार के प्रयासों के मद्देनजर उद्योग सेक्टर से जुड़े लोग बजट में रियायत मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। हालांकि 75 हज़ार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे प्रदेश की जनता पर कोई नया बोझ डाले बिना, विकास योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था करना सुक्खू के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी।

कांग्रेस द्वारा सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना देने की गारंटी की घोषणा के बाद अधिसूचना तो सुक्खू सरकार जारी कर चुकी है। हालांकि इसके लिए फंड की व्यवस्था करना सरकार के लिए चुनोतिपूर्ण रहेगा। पुरानी पेंशन स्कीम के लिए सरकार को अपने संसाधनों के पैसे की व्यवस्था करनी होगी।

दरअसल नए वित्त वर्ष 2023-24 में भी मुख्यमंत्री के सामने वही पुराना आर्थिक संकट बरकरार है। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया होने की वजह से प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पिछला बजट 51,365 करोड़ रुपए का पेश किया था, जो करीब 8000 करोड़ राजकोषीय घाटे का था। इसके बाद वर्तमान सरकार 13141 करोड़ का अनुपूरक बजट भी लाई है। ऐसे में यह देखना होगा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के नए बजट का आकार कितना रहता है। माना जा रहा है कि आगामी वित्त वर्ष के वार्षिक बजट का आकार 55 से 60 हजार करोड़ के बीच हो सकता है।

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