‘बीटेक पानीपुरी वाली’ के नाम से मशहूर 21 साल की लड़की की सक्सेस स्टोरी, बुलेट चलाकर खिलाती है गोलगप्पे

नई दिल्ली, 19 मार्च। ‘बीटेक पानीपुरी वाली’ के नाम से मशहूर 21 साल की तापसी उपाध्याय इस वक्त अपने काम की वजह से चर्चा में हैं। वो दिल्ली की सड़कों पर ठेला लगाकर गोलगप्पे खिला रही हैं। सड़क से गुजरते लोग बीटेक पानीपुरी का नाम देखकर रुक जाते हैं और गोलगप्पे खाने के लिए चल देते हैं। तापसी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने आईआईटीएम कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है।

तापसी के अनुसार, ‘पानीपुरी को देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। तीन महीने पहले उन्होंने अपने बचपन के दोस्त संदीप कुमार (25) जिन्होंने हाल में अपना एमटेक पूरा किया है। उनके साथ मिलकर दिल्ली के जनकपुरी और उसके आसपास ‘बीटेक पानी पुरी वाली’ के नाम से स्टॉल लगाते हैं। तापसी कहती हैं कि उन्होंने 10-12 लाख रुपये तो 4-5 महीने में कमाकर घर वालों को दे दिए हैं।

तापसी कहती हैं कि मैं निश्चित नहीं थी कि मैं अपने व्यवसाय को पानी पुरी के साथ शुरू करूंगी। वो कहती हैं कि इसके लिए उन्होंने मार्केट में काफी रिसर्च किया। जिससे पता चला कि देश में लोग पानीपुरी को काफी पसंद करते हैं। तापसी का कहना है कि उनके स्टार्टअप शुरू करने का उद्देश्य है कि लोगों को सस्ती कीमत पर अच्छा, स्वस्थ, हेल्दी फूड उपलब्ध कराना। वो कहती हैं कि पानीपुरी बनाने में वो एयर-फ्रायर का इस्तेमाल करती हैं।

तापसी के पानी-पुरी एयर फ्राइड होने के साथ ही बहुत हेल्दी भी हैं। पानी-पुरी वो भी हेल्दी, क्योंकि तापासी के पानी पुरी मैदा से नहीं बल्कि रीफाइंड आटा के हैं। यही नहीं उन्होंने पानी पुरी के पानी को जीरा और धनिया के पत्तों से बनाया है। जीरा को भुन कर पीस कर पानी में डाला है।

पानी पुरी न केवल हेल्दी और अधिक हाइजेनिक है, बल्कि तापसी के अनुसार, वह जिन प्लेटों का उपयोग करती हैं, वे पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। चटनी की बात करें तो तापसी कहती हैं कि इसे ऑर्गेनिक इमली, गुड़ और खजूर से बनाया जाता है।

तापसी कहती हैं कि मुझे पढ़ाई का शौक है, यही वजह है कि मेरे पास इतिहास में स्नातक होने के बावजूद, मैंने कंप्यूटर साइंस लेने का फैसला किया। मुझे अपने परिवार और दोस्तों से बहुत समर्थन मिला। अभी तापसी 20 अन्य लोगों के साथ पश्चिमी दिल्ली में चार स्टॉल लगाती हैं। उनमें किसी की उम्र 25 साल से अधिक नहीं है।

तापसी की टीम में 17 साल की खुशी भी शामिल
उपाध्याय की सफलता के पीछे कई लोगों में 17 वर्षीय खुशी गुप्ता भी शामिल हैं, जो उनके तिलक नगर स्टॉल पर काम करती हैं। खुशी कहती हैं कि मैं अपने कॉलेज की फीस खुद से देने के लिए मेहनत करती हूं। खुशी अशोक नगर के एक सरकारी स्कूल में कक्षा 11 की छात्रा हैं। खुशी के पिता अशोक नगर में सिलाई का काम करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं, जिसमें खुशी सबसे बड़ी है। उसकी मां एक गृहिणि हैं। खुशी बताती हैं कि मैं हर महीने 10 हजार रुपये कमा लेती हैं। उसका सपना अपना ब्यूटी पार्लर खोलने का है।

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