आपदा के प्रति जागरूकता में छात्रों की भूमिका अहम- उपायुक्त

शिमला। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण समर्थ के 14 वें संस्करण के तहत आज यहां बचत भवन में सुरक्षित निर्माण माॅडल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।उपायुक्त ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि माॅडल प्रतियोगिता में हर बच्चे का माॅडल बेहतरीन रहा। बच्चों को आपदा के विषयों में मूलभूत ज्ञान पर अच्छी पकड़ है। इससे साबित होता है कि बच्चे आपदा को लेकर काफी जागरूक हो रहे है। उन्होंने कहा कि आपदा के प्रति जागरूकता अभियान में स्कूली बच्चों की भूमिका अब काफी अहम होती जा रही है। हमारे बच्चे आपदा प्रबंधन को बखूबी जानते है और साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी आपदा प्रबंधन के बारे में बता रहे है।उन्होंने कहा कि इस तरह की माॅडल प्रतियोगिता जिला स्तर पर पहली बार आयोजित की गई है। भविष्य में इसी तरह की प्रतियोगिता खंड स्तर पर भी आयोजित की जाएगी ताकि बच्चों को अधिक से अधिक प्रतियोगिता में शामिल करवाते हुए आपदा के प्रति जागरूक करवाया जाए। हमारा प्रयास रहेगा कि बच्चों को माॅडल बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की दिशा में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा भविष्य में प्रभावी कदम उठाए जाये।उपायुक्त ने कहा कि आपदा एक प्राकृतिक या मानव निर्मित जोखिम का प्रभाव है जो समाज या पर्यावरण को प्रभावित करता है। आपदा प्रबंधन का मतलब है, आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए तैयारियां करना, प्रतिक्रिया देना, और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए संसाधनों और जिम्मेदारियों का प्रबंधन करना। आपदा प्रबंधन के जरिए, आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष हिमाचल प्रदेश में आपदा के कारण भारी नुक्सान हुआ था। वहीं इस वर्ष रामपुर के समेज में भी आपदा के कारण कई जाने चली गई और करोड़ों का नुक्सान हुआ है। आपदा प्रबंधन से आम जनता को जागरूक करने के लिए प्रयास किया जाता है ताकि आपदा के दौरान सुरक्षित बचा जा सके।उन्होंने कहा कि जिला भर में बच्चों को शब्दकोश के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बच्चों से आह्वान किया जा रहा है कि शब्दकोश को अपने दिनचर्या का अहम हिस्सा बनाए। उन्होंने कहा कि दसवीं कक्षा के बाद अगले पांच साल एक बच्चे के लिए काफी महत्वपूर्ण होते है। बच्चों को अपने करियर की योजना बनाकर उसी के आधार पर लक्ष्य हासिल करना चाहिए। उन्होंने स्कूली स्टाफ से आह्वान किया कि बच्चों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें और निखारने के लिए प्रयास करें। बच्चों को अपने अंदर ज्ञान अर्जित करने की भावना को विकसित करना चाहिए।एडीएम प्रोटोकाॅल ज्योति राणा ने कहा कि माॅडल प्रतियोगिता में विजेता रहने वाले प्रतिभागी 7 अक्टूबर को विज्ञान संग्रहालय शोघी में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में, निजी क्षेत्र के संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों, गैर-लाभकारी और संगठनों, स्वयंसेवकों, दानदाताओं इत्यादि की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का समन्वय स्थापित किया जाता है ताकि आपदा के समय कम से कम नुकसान और पुनर्वास तीव्रता से हो। आपदा प्रबंधन में, सभी स्तरों पर सरकार के साथ-साथ समुदाय की सक्रिय भागीदारी होती है। आपदा प्रबंधन में, मजबूत संचार, कुशल डेटाबेस, दस्तावेज, और अभ्यास होता है। उन्होंने कहा कि भारत में आपदा प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) है, जबकि राज्य स्तर पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण है वहीं जिला स्तर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण है।इस अवसर पर जिला के विभिन्न स्कूलों के बच्चे और स्टाफ विशेष तौर पर मौजूद रहे।

इन्हें किया गया सम्मानित

माॅडल प्रतियोगिता में सभी विजेता और उपविजेताओं को उपायुक्त अनुपम कश्यप ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।काॅलेज स्तर पर सेंट बीड्स कॉलेज शिमला विजेता रहा। वहीं उच्च विद्यालय स्तर पर राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जांगला ने प्रथम और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लक्कड़ बाजार ने दूसरा स्थान हासिल किया। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला श्रेणी में उत्कृष्ट कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रोहड़ू ने पहला स्थान, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिक्कर ने दूसरा स्थान और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला ने तीसरा स्थान हासिल किया। इसके अलावा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति प्रत्र वितरित किए गए, जिनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिक्कर, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पुजारली-4, उत्कृष्ट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रोहडू, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुमारसैन, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करियाली, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुन्नी और ठाकुर राम लाल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुब्बल शामिल रहे।

ये रहे निर्णायक मंडल में शामिल

निर्णायक मंडल में एडीएम प्रोटोकाॅल ज्योति राणा, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग अमरेट, जिला राजस्व अधिकारी संजीत शर्मा, प्रधानाचार्य आईटीआई चौड़ा मैदान जोगिंद्र शर्मा, विकास अधिकारी साधना चौहान शामिल रहे।

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