शिमला। राजधानी शिमला के समीप जुन्गा में आयोजित तीन दिवसीय दशहरा पर्व के अवसर पर जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद लागों की पहली पसंद बनी। वन परिक्षेत्र कोटी, मशोबरा और तारादेवी के स्वयं सहायता समूहों ने यहां प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए, जिसमें पहाड़ी शहद, आचार और पाइन नीड्ल प्रोडक्ट्स उपलब्ध थे। दशहरा पर्व का लुत्फ उठाने पहुंचे ग्रामीणों ने स्वयं सहायता समूहों के प्राकृतिक उत्पाद खरीदने में खूब रुचि दिखाई। मेले के दूसरे दिन यानी रविवार को 25 हजार रुपये से अधिक की ब्रिकी हुई। वन परिक्षेत्र कोटी के अंतर्गत उमंग, सरस्वती और सशक्त महिला स्वयं सहायता समूह, वन परिक्षेत्र मशोबरा के अंतर्गत उमंग और कोरगन देवता स्वयं सहायता समूह और वन परिक्षेत्र तारादेवी के अंतर्गत राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह के उत्पाद मेले में आकर्षण को मुख्य केंद्र बना। मेले के दौरान रस्सा-कस्सी खेल का आयोजन भी किया गया। जिसमें उमंग स्वयं सहायता समूह और सरस्वती स्वयं सहायता समूह की मिक्स टीम ने बाजी मारी और 21 हजार रुपये का नकद पुरस्कार मिला।