शिमला, 29 मार्च। हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक निवेश आकर्षित करने के लिए सुक्खू सरकार सिंगल विंडो सिस्टम खत्म करेगी और इसके स्थान पर इन्वेस्टमेंट ब्यूरो बनेगा। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम बहुत लंबा है और अत्यधिक जटिलताओं के कारण उद्योगपति निवेश के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टमेंट ब्यूरो के प्रावधानों के अनुसार उद्योग सीधे आकर उद्योग स्थापित कर सकेंगे और उनके लिए सभी स्वीकृतियां इन्वेस्टमेंट ब्यूरो लेगा।
उद्योग मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था के अनुसार राज्य के सभी विभागों को उद्योगपतियों को एक निर्धारित समय सीमा के भीतर उद्योगों की स्थापना के लिए एनओसी देनी होगी। इससे पूर्व मूल प्रश्न के उत्तर में उद्योग मंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में 41684 करोड़ रुपए के निवेश के 901 एमओयू हस्ताक्षरित किए गए थे। इनमें से 523 एमओयू को धरातल पर उतारा जा चुका है, जबकि 228 उद्योग स्थापित भी हो गए हैं। 157 उद्योगों में कारखाने स्थापित करने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि स्थापित हो चुके 228 उद्योगों में 9366 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि निजी निवेश आकर्षित करने के लिए हर सरकार प्रचार और प्रसार का सहारा लेती है। मौजूदा सरकार भी इस दिशा में प्रभावी कदम उठा रही है।