गेयटी थियेटर में पहाड़ी कवि सम्मेलन का आयोजन, प्रदेश भर के 30 कवियों ने लिया भाग

शिमला। 1 नवंबर से राजधानी शिमला में पहाड़ी दिवस समारोह मनाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत आज पहाड़ी कवियों का सम्मेलन शिमला के गयेटी थिएटर में आयोजित किया गया। जिसमें प्रदेश के 30 से अधिक कवियों ने पहाड़ी भाषा में लिखी अपनी रचनाओं का पाठ किया।जानकारी देते हुए भाषा एवं संस्कृत विभाग के निदेशक डॉक्टर पंकज ललित ने बताया कि पहली नवम्बर 1966 को पंजाब के पुनर्गठन के फलस्वरुप हिमाचल प्रदेश मे काँगड़ा और पंजाब के पहाड़ी बोलियों वाले इलाकों को मिला दिया गया था। जिससे पहाड़ी राज्य हिमाचल का विशाल स्वरूप अस्तित्व में आया था। इसी के उपलक्ष्य में हर वर्ष भाषा व संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश भर में पहाड़ी दिवस समारोह आयोजित किए जाते हैं। राज्य स्तरीय समारोह राजधानी शिमला में चल रहा है जिसमें आज गेयटी थिएटर में पहाड़ी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया हैं। उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी और पर्यटकों को हिमाचल की संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि आने वाली पीढ़ियों तक हिमाचल की समृद्ध संस्कृति पहुंच पाए। पंकज ललित ने बताया कि पहाड़ी भाषा मात्र शब्दों को नहीं अपितु पहाड़ी क्षेत्रों को भी समेटे हुए है और आज के समय मे इसके विस्तार के लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत है।उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से पहाड़ी भाषा को नया प्लेटफॉर्म मिलने की भी बात कही और कहा कि आज युवा वर्ग सोशल मीडिया में पहाड़ी संस्कृति और भाषा को काफी महत्व दे रहे है जिससे य़ह भाषा प्रचलित हो रहीं है।

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