यूपीए शासन में मोदी को फंसाने के लिए सीबीआई ने डाला था दवाब : अमित शाह

नई दिल्ली, 30 मार्च। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान गुजरात में एक कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘फंसाने’ के लिए सीबीआई उन पर ‘दबाव’ डाल रही थी। शाह ने यहां एक कार्यक्रम में यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या मोदी सरकार विपक्ष को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ कर रही है।


अमित शाह ने विपक्ष को दी नसीहत


शाह ने कहा कि सीबीआई कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पूछताछ के दौरान मोदी को फंसाने के लिए मुझ पर दबाव बना रही थी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भाजपा ने कभी हंगामा नहीं किया। केंद्रीय गृह मंत्री कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जिन्होंने अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद सदन की सदस्यता गंवाई है। इसे लेकर हो हल्ला मचाने की जरूरत नहीं है।
शाह ने कहा कि राहुल को अपने मामले की पैरवी के लिए ऊपरी अदालत में जाना चाहिए। लेकिन ऐसा करने के बजाय वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बेवजह यह भ्रम फैला रही है कि सजा पर स्टे नहीं हो सकता। अदालत चाहे तो स्टे दे सकती है।
शाह ने कहा कि राहुल ने अपनी सजा पर रोक लगाने की अब तक अपील नहीं की है। यह किस तरह का अहंकार है? आप अहसान चाहते हैं। एक सांसद के रूप में भी बने रहना चाहते हैं लेकिन अदालत के समक्ष जाना नहीं चाहते आखिर क्यों। गृह मंत्री ने कहा, ”यह महाशय पहले व्यक्ति नहीं हैं। बड़े पदों पर आसीन और उनसे अधिक अनुभव रखने वाले राजनेता भी इस प्रविधान के कारण अपनी सदस्यता खो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव, जे.जयललिता और राशिद अल्वी सहित 17 राजनेताओं को अदालतों द्वारा दोषी ठहराया गया जब वे या तो विधानसभा या संसद के सदस्य थे। इन लोगों ने संप्रग काल में 2013 में बने कानून के तहत सजा सुनाए जाते ही अपनी सदस्यता खो दी। इन लोगों ने देश के कानून का पालन किया और इनमें से किसी ने भी काले कपड़े पहनकार विरोध नहीं जताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *