पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अवर सचिव सिद्धेश्वर चक्रवर्ती ने शिमला में आयोजित शिविरों में विभिन्न डिजिटल तरीकों के बारे में पेंशनभोगियों का किया मार्गदर्शन

शिमला। शिमला, 07 नवंबर, 2024 पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय,भारत सरकार, केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों के लिए 1 से 30 नवंबर, 2024 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 3.0 आयोजित कर रहा है। इस अभियान में “Whole of Government” एप्रोच अपनाते हुए कई हितधारकों के सहयोग से, देशभर के 800 शहरों/जिलों में 1900 स्थानों पर शिविर लगाए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अवर सचिव सिद्धेश्वर चक्रवर्ती ने आज 07 नवंबर को शिमला शहर में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा विभिन्न शाखाओं में एवं आईपीपीबी द्वारा विभिन्न डाकघरों में लगाए गए शिविरों में जाकर, पेंशनभोगियों का जीवन प्रमाणपत्र जनरेट किया और उन्हें विभिन्न डिजिटल तरीकों जैसे फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक आदि के बारे में जानकारी प्रदान की। भारतीय स्‍टेट बैंक, माल रोड शाखा में आयोजित शिविर में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के क्षेत्रीय प्रबंधक विवेक राहर तथा यूआईडीएआई विजय शंकर ने भी शामिल होकर पेंशनर्स का मार्गदर्शन किया। विभिन्न शाखाओं एवं डाकघरों के शिविरों में यूआईडीएआई द्वारा आधार अद्यतन हेतु कैंप भी लगाए गए। इस वर्ष, बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघों, यूआईडीएआई, मेटी, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दूरसंचार विभाग के सहयोग से आयोजित इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पेंशनभोगी, विशेषरूप से वयोवृद्ध तथा अशक्त पेंशनभोगी अपना जीवन प्रमाणपत्र आसानी से जमा कर सकें। देशभर के विभिन्न शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाए जा रहे हैं और बैंक शाखाओं में कार्मिक अपने स्मार्ट फोन से पेंशनभोगियों को डीएलसी जमा करने में सहायता कर रहे हैं।साथ ही वयोवृद्ध/दिव्यांग/बीमारपेंशनभोगियोंकेलिएघरों/अस्पतालों में जा कर जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल रूप से जमा करने की सुविधा देने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों के लिए और अधिक ‘सुविधापूर्ण जीवन’ सुनिश्चित करने के लिए नवंबर 2021 में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया था। फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी भी एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा किया जा सकता है ।इस तकनीक से बाह्य बायोमेट्रिक उपकरणों की आवश्यकता समाप्त हो गई है और जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया सुलभ और आसान हो गई है।वर्ष 2022 में विभाग द्वारा आयोजित अभियान में 1.41 करोड़ से भी अधिक डीएलसी जनरेट किए गए, जिनमें केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों के 42 लाख से अधिक डीएलसी जनरेट किए गए । नवंबर, 2023 में 100 शहरों में आयोजित अभियान द्वारा कुल 1.47 करोड़ डीएलसी जनरेट किए गए थे, जिनमें से 45 लाख केंद्र सरकार के पेंशन भोगी द्वारा जनरेट किए गए। इस अभियान का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर और बैनरों द्वारा भी किया जा रहा है, तथा इसकी निगरानी विभाग द्वारा डीएलसी पोर्टल के माध्यम से की जा रही है ताकि अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। इन शिविरों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया और इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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