शिमला। हिमाचल को देश का कौशल हब बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है। सरकार प्रदेश के युवाओं का कौशल उन्नयन कर उद्योगों की मांग के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।
हिमाचल में रोजगार, स्वरोजगार तथा उद्यमिता को बढ़ावा देेने के उद्देश्य से नवीन पहलों के माध्यम से कौशल विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। निरंतर बदलते परिवेश में बच्चों को नए युग की तकनीकों और सूचना प्रौद्योगिकी का विशेषज्ञ बनाने की मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की संकल्पना को साकार करने की दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग महाविद्यालय बंदला मंे डिग्री कोर्स कंप्यूटर साइस एवं इंजीनियरिंग के तहत ए.आई. और डाटा साइंस, राजकीय बहुतकनीकी संस्थान रोहड़ू में कंप्यूटर इंजीनियरिंग व आई.ओ.टी. डिप्लोमा कोर्स और राजकीय बहुतकनीकी संस्थान चम्बा में मैकाट्रोनिक्स डिप्लोमा कोर्स जैसे नए पाठ्यक्रम आरम्भ किए गए हैं। न्यू एज पाठ्यक्रमों के शुरू होने से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के मार्ग खुल रहे हैं।
प्रदेश सरकार का लक्ष्य कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा में नए आयाम स्थापित कर युवाओं को रोजगार प्रदाता बनाना है। नई तकनीक के क्षेत्र में ज्ञान के साथ-साथ प्रशिक्षण की भी अहम भूमिका है। प्रशिक्षुओं को बेहतर तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के लिए राजकीय बहुतकनीकी संस्थानों के 38 विद्यार्थियों और राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों तथा बहुतकनीकी संस्थानों के 20 प्रशिक्षकों को आई.आई.टी. मंडी में रोबोटिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
सेमिकंडक्टर के क्षेत्र में भी युवाओं को नए अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। इस दिशा में राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के 20 प्रशिक्षकों को आई.आई.टी. रोपड़ और दिल्ली में सेमिकंडक्टर इको-सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश सरकार राज्य में सेमिकंडक्टर उद्योग स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार की इस नवीन पहल का उद्देश्य युवाओं के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करना और प्रदेश में प्रोद्यौगिकी के विकास को बढ़ावा देना है। बहुतकनीकी एवं इंजीनियरिंग के 10 संकाय सदस्यों और 6 विद्यार्थियों को भारतीय सूचना प्रौद्यागिकी संस्थान ऊना में मशीन लर्निंग से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील राज्य है, इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार युवाओं को ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण प्रदान करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। ड्रोन प्रौद्योगिकी आपदा प्रतिक्रिया प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रदेश के 11 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में युवाओं को ड्रोन से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत 128 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। सरकार के यह प्रयास हिमाचल को आईटी हब के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए व्यापक स्तर पर सुधार किए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश मेें 363 तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक शिक्षा संस्थान कार्यरत हैं। युवाओं को बेहतर प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए रोजगार मेलों व कैम्पस इंटरव्यू का आयोजन भी निरंतर करवाया जाता है। वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी अभियान्त्रिकी महाविद्यालयों, राजकीय फार्मेसी महाविद्यालय, बहुतकनीकी एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लगभग 5,731 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न कैम्पस इंटरव्यू के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाए गए हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी अपार संभावनाओं का क्षेत्र है। प्रदेश सरकार नवाचार पहल के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी विषयों का ज्ञान प्रदान कर युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है और सरकार की इस पहल से हिमाचल में सूचना प्रौद्योगिकी के नए युग की शुरूआत हो रही है।