भाजपा ने सोची समझी रणनीति के तहत राहुल गांधी को बनाया निशाना : प्रतिभा सिंह

शिमला, 31 मार्च । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा है कि कांग्रेस देश में लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देगी। भाजपा ने एक सोची समझी रणनीति के तहत राहुल गांधी को निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने सदन में अडानी महाघोटाले पर केंद्र की मोदी सरकार से दो सवाल पूछे थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अपने परम मित्र अडानी को बचाने के लिए लोकतंत्र का गला घोंट रहें हैं। कांग्रेस किसानों, बागवानो, कामगारों व आम लोगों की आवाज उठा रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री अडानी को मजबूत करने में लगे हैं।

प्रतिभा सिंह शुक्रवार को शिमला में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि उन्होंने पूछा था कि अडानी की शेल कंपनियों में बीस हजार करोड़, तीन बिलियन डॉलर है ,यह कंपनी किस की हैं। यह पैसा कहा से आया हैं,जबकि अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है और वह इतना नही कमा सकते। इस कंपनी में एक चीनी नागरिक भी शामिल है यह कौन हैं। दूसरा सवाल राहुल गांधी का सदन में अडानी व मोदी से रिश्तों को लेकर था । इस संदर्भ में राहुल गांधी ने अडानी के विमान में आराम करते हुए पी एम मोदी की एक तस्वीर भी दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे मे हवाई अड्डों के बारे में,श्रीलंका व बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में,आस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के साथ बैठे नरेंद्र मोदी व अडानी की तस्वीरे जिन्होंने कथित तौर पर एक बिलियन डॉलर का ऋण स्वीकृत किया था,  के प्रश्न किये थे।

प्रतिभा सिंह ने कहा कि अडानी के घोटाले पर संसद में राहुल गांधी के भाषण के ठीक 9 दिन बाद उनके खिलाफ मानहानि का मामला फिर से शुरू हो जाता हैं। 27 फरवरी को मामले की सुनवाई शुरू होती है और 23 मार्च को ट्रायल कोर्ट राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए उन्हें इस मामले में अधिक्तम 2 साल की सजा सुना देते हैं। इसी के साथ 24 मार्च को 24 घन्टे के भीतर राहुल गांधी की सदस्यता रद्द व उसके बाद उन्हें सरकारी आवास एक माह के अंदर खाली करने का हुक्म जारी हो जाता हैं। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी सांसद को मानहानि के मामले में अधिकतम सजा सुनाई गई हो।

प्रतिभा सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष द्वारा सदन न चलने देना भाजपा की सोची समझी रणनीति का एक हिस्सा रही, जिससे सदन में राहुल गांधी के सवालों से बचा जाता। उन्होंने  कहा कि विदेश में दिए गए उनके एक बयान पर जब राहुल गांधी सदन में अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाह रहे थे,उनके लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह के बाद भी उन्हें बोलने का कोई मौका तक नही दिया गया और उन्हें अब सदन की सदस्यता से बाहर कर दिया गया हैं।

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