शिमला, 05 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगम शिमला के वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करने के मुद्दे पर विपक्षी दल भाजपा ने बुधवार को विधानसभा में हंगामा किया और सदन से वाकआउट कर दिया। वाकआउट से पहले विपक्ष ने सदन में नारेबाजी भी की। दरअसल प्रदेश सरकार ने बीते रोज ही विपक्ष की गैर मौजूदगी में नगर निगम शिमला संशोधन विधेयक को पारित किया था। इस विधेयक में नगर निगम वार्डों को 41 से घटाकर 34 किया गया है।
भाजपा के रणधीर शर्मा ने बुधवार को प्रश्नकाल के बाद नगर निगम शिमला के वार्डों की संख्या घटाने का मुद्दा उठाया और कहा कि जब विधानसभा का सत्र चल रहा है तो सरकार बार-बार अध्यादेश क्यों ला रही है। उन्होंने कहा कि जब चुनाव ही घोषित हो गए तो फिर वार्डों की संख्या कम करने का विधेयक लाना नियमों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने वार्डों की संख्या नियमों के अनुसार बढ़ाई थी, लेकिन अब राज्य चुनाव आयोग की शक्तियों का प्रयोग भी राज्य सरकार स्वयं कर रही है और चुनाव आयोग को पंगु बना दिया गया है। उन्होंने मंत्रिमंडल द्वारा अनुसूचित जाति के लिए वार्डों के आरक्षण के मापदंड बदलने का भी विरोध किया।
इसी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नगर निगम शिमला के चुनाव जीतने के लिए सरकार पर मतदाता सूचियों में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने 11 हजार वोट रातोंरात बना दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग का काम सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है, जिससे आयोग की स्वायतता खत्म हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने निगम चुनाव जीतने के लिए तीन बार 14 मार्च, 25 मार्च और 30 मार्च को नियमों में परिवर्तन कर दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने ऐसे वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया है, जिनमें महिला वोटरों की संख्या सबसे कम है।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यदि विपक्ष को इतनी ही चिंता है तो वह सदन में चर्चा करते, न कि सदन छोड़कर चले जाते। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन में चर्चा को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून की परिधि में अध्यादेश और विधेयक लाया है। चौहान ने यह भी कहा कि विधेयक लाना सरकार का अधिकार है और विपक्ष इसमें दखल नहीं दे सकता।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इसी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से पूछा कि उन्होंने तय समय पर नगर निगम शिमला के चुनाव क्यों नहीं करवाए। उन्होंने कहा कि वास्तव में भाजपा को अपनी हार का पता चल गया था। इसलिए आज भी वह चुनाव में अड़ंगा डाल रही है। उन्होंने विपक्ष पर हिमाचल के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश की जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी। अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष ने वाटर सेस का भी विरोध किया, जबकि इससे हिमाचल को चार हजार करोड़ रुपए की आमदनी होनी है।