शिमला। ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य भर में निर्दिष्ट ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए हीलिंग हिमालय फाउंडेशन के साथ एक महत्त्वपूर्ण साझेदारी की है। इस पहल का उद्देश्य इको-सेंसिटिव व ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा अलगाव, रीसाइक्लिंग और इको-फ्रेंडली निपटान के लिए बेहतर प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग और गैर सरकारी संगठन हीलिंग हिमालय फाउंडेशन के बीच आज यहां औपचारिक रूप से समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। हीलिंग हिमालय फाउंडेशन पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत निरंतर प्रयास कर रही है।
निदेशक ग्रामीण विकास राघव शर्मा ने कहा कि यह साझेदारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन की चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग समुदायों और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी एक टिकाऊ और स्केलेबल मॉडल बनाने के लिए प्रयासरत है।
हीलिंग हिमालय फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रदीप सांगवान ने कहा कि फाउंडेशन नाजुक हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इससे कचरा प्रबंधन को प्रोत्साहन करने और समुदायों को इको-फ्रेंडली जीवनशैली अपनाने में सक्षम बनाने के मिशन को मजबूती मिलेगी।
यह पहल राज्य के ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण के व्यापक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। सरकार और अनुभवी गैर-सरकारी संगठन के प्रयासों से राज्य ग्रामीण कचरा प्रबंधन में एक बेंचमार्क स्थापित करने की ओर अग्रसर है।