शिमला। शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों को बार-बार भरोसा देने के बाद भी सरकार पलट गई और गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षकों की भर्ती करने का नियम लेकर आई है। गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षक छात्रों को घंटे के हिसाब से पढ़ाएँगे। यह बात पहले भी सामने आई थी जिसका प्रदेश के युवाओं ने पुरजोर विरोध किया था जिसके बाद सरकार द्वारा इस पॉलिसी को वापस लेने की घोषणा की गई थी। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त भी किया था कि सरकारी ऐसी कोई पॉलिसी नहीं लाएगी जो युवाओं के साथ किसी प्रकार का धोका हो। सरकार की नाकामी के ही कारण प्रदेश में इस सत्र में अभिभावक सरकारी स्कूलों से किनारा कर रहे हैं। यह सरकार की नाकामी है क्योंकि सरकार की प्राथमिकता में प्रदेशवासियों की शिक्षा है ही नहीं। इसीलिए सुक्खू सरकार ने पाँच सौ से ज़्यादा स्कूल बंद कर दिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विधान सभा के चुनाव प्रचार से लेकर सरकार बनने के बाद सरकार के नुमाइंदों ने प्रदेश के युवाओं को कहा कि उन्हें ठुंजा साल वाली, पेंशन वाली, पक्की नौकरी दी जाएगी। इसलिए प्रदेश के युवाओं को परेशान होने की आवश्यकता नहीं हैं। हम पर भरोसा रखें। युवाओं ने भरोसा दिया तो बदले में उन्हें सरकार की तरफ़ से क्या मिला? चुनाव के समय कांग्रेस ने बढ़चढ़कर वादे किए। हर साल एक लाख नौकरी देने की गारंटी के बाद भी सरकार युवाओं को घंटे के हिसाब से नौकरी देने का प्लान बना रही है। सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं, छात्रों और अभिभावकों को भरोसा देने के बाद भी इस तरह के कदम उठाना निंदनीय हैं। झूठ बोलकर सरकार चलाना और युवाओं को भरोसे में रखकर उनका भरोसा तोड़ना पाप है। सरकार के दो साल का कार्यकाल बीत चुका है इसलिए अब सरकार सिर्फ जुबानी जमाखर्च के बजाय काम करने पर ध्यान दें।