शिमला । हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट टैक्स के बाद अब नगर निगम द्वारा पब्लिक टॉयलेट में शुल्क वुसलने लगाने का एलान किया है। बीते दिन नगर निगम की मासिक बैठक बाकायदा इस पर चर्चा हुई और महापौर ने शुल्क लेने की बात भी कही, लेकिन विरोध होने के बाद अब नगर निगम किसी भी तरह का शुल्क सार्वजनिक शौचालय में न लेने की बात कर रहे है। इसको लेकर बाकायदा नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने मंगलवार को अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर कहा कि नगर निगम किसी भी तरह का सार्वजनिक शौचालय में शुल्क नहीं वसूला जाएगा। शहर में सार्वजनिक शौचालय का रखरखा सुलभ इंटरनेशनल द्वारा किया जाता है और नगर निगम इसके एवज में उन्हें हर माह 2 लाख 44 हजार देता है। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा हाई कोर्ट में शुल्क को लेकर याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई हो रही है लेकिन नगर निगम अपनी ओर से यह पक्ष कोर्ट में रखने जा रहा है कि सार्वजनिक शौचालय में किसी से कोई भी शुल्क न लिया जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं से भी किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा ।ऐसे में पुरुषों को भी कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा सार्वजनिक शौचालय से जो भी आय होती है वह नगर निगम को नहीं मिलती है यह केवल सुलभ इंटरनेशनल ही रखता है और नगर निगम हर साल शहर में शौचायलयों के रखरखाव को लेकर एक साल तक का टेंडर करता है। शहर में सार्वजनिक शौचालय में शुल्क लेने को लेकर नगर निगम का कोई भी ऐसा प्रस्ताव नहीं था यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है जिसको देखते हुए मासिक बैठक में इसको लेकर चर्चा जरूर की गई लेकिन नगर निगम की कोई भी ऐसी मंशा नहीं है कि शहर के लोगों से सार्वजनिक शौचालय में शुल्क वसूला जाए।