ऊना। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति के लोगों को समाज में समानता का अधिकार दिलाने, जातिगत भेदभाव व अत्याचार निवारण को लेकर गठित जिला सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की त्रैमासिक बैठक मंगलवार को डीसी ऊना जतिन लाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
उपायुक्त ने बताया कि इस अधिनियम के तहत सजा दिलाने के साथ-साथ पीड़ित को कानूनी संरक्षण और पुनर्वास राहत राशि के रूप में एक लाख से 8 लाख 25 हजार रूपये तक की धनराशि देने का प्रावधान है। जिसे प्रथम किशत एफआईआर होने पर, दूसरी किशत मामला न्यायालय में प्रस्तुत होने पर और शेष राशि का भुगतान फैसला आने पर किया जाता है।
उन्होंने बताया कि ज़िला ऊना में एसी एसटी अधिनियम के तहत इस वर्ष जनवरी से नवम्बर माह के अंत तक पंजीकृत 19 मामलों में से जांच के उपरांत पुलिस द्वारा 5 मामलों में एससी एसटी अधिनियम की धारा हटा दी गई है। अब तक 9 मामलों में पीड़ितों को 12 लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है। शेष पर कार्रवाई जारी है।
पीड़ितों को तत्परता से न्याय दिलाने को प्राथमिकता दें : सुदर्शन बबलू
बैठक में विशेष रूप से उपस्थित चिंतपूर्णी विस के विधायक सुदर्शन सिंह बबलू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार एसी एसटी वर्ग के अधिकारों के प्रति सजग है और मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ग के कल्याणार्थ चलाई योजनाओं को बड़े प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा एससी एसटी अधिनियम के तहत अत्याचार का सम्पूर्ण निवारण और पीड़ितों को त्वरित गति से न्याय दिलाने को प्राथमिकता दें तथा इस अधिनियम अन्तर्गत पंजीकृत मामलों को गंभीरता से लें और त्वरित निदान के लिए प्रतिबद्धता सुनिश्चित करें।
बैठक में जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा, एएसपी सुरेन्द्र सिंह, तहसील कल्याण अधिकारी ऊना जितेन्द्र कुमार, अम्ब राकेश कुमार व बंगाणा विवेक कुमार, गैर सरकारी सदस्य लेखराज भारती, सुभाष चन्द, प्रधान ग्राम पंचायत दुलैहड़ कमल चन्द, प्रेमाश्रम से सिस्टर संजना ने भाग लिया।