शिमला। हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत शिमला में जनवरी माह में दो प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम आयोजित करेगी। इन पाठ्यक्रमों को वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है। यह पाठ्यक्रम मधुमक्खी पालन और प्रकृति संरक्षक व ईको पर्यटन गाइड विषयों पर आधारित होंगे।
हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् के सदस्य सचिव डीसी राणा ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि परिषद् द्वारा राज्य में स्कूलों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण संरक्षण के लिए सतत् प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन पाठ्यक्रमों के तहत युवाओं को मधुमक्खी-पालन तकनीक, उनके पर्यावरणीय और व्यावसायिक लाभ और सतत् पर्यटन के विभिन्न आयामों की जानकारी प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है। युवाओं को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान निःशुल्क आवास और भोजन इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण पर इस तरह के प्रशिक्षण पाठयक्रमों के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में हिमकोस्ट द्वारा राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के माध्यम से पर्यावरण पर लोकप्रिय व्याख्यान श्रृंखला भी आयोजित की जा रही है।