शिमला। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति का आधार सद्भावना है और वर्तमान परिपेक्ष्य में समावेशिता को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने आज उत्तर प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में राजभवन में ‘मिलन कार्यक्रम’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सद्भाव भारत के संविधान और सामाजिक व्यवस्था का अभिन्न अंग है।
राज्यपाल ने भारत की विविधता में एकता की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों के बीच संस्कृतियों, परंपराओं और प्रथाओं को साझा करने से एकता और भाइचारे की भावना और अधिक सुदृढ़ होती है। उन्होंने कहा कि इससे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को और अधिक बल मिलेगा और राष्ट्र की एकता और अखंडता मजबूत होगी।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने ‘राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है और हमें इन उत्सवों को हर्षोल्लास और गर्व के साथ मनाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा में वादविवाद का महत्त्वपूर्ण स्थान है और हमेशा अहंकार का त्याग कर ज्ञान-संवर्धन को बढ़ावा देना आवश्यक है।
उन्होंने नागरिकों से गरिमा बनाए रखने और उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि यह सफल जीवन का आधार है।उन्होने कहा, ‘भगवान राम ने साधारण लोगों की सेना संगठित कर उन लोगों को हराया जो केवल शासन करने में विश्वास रखते थे। इसी तरह, भारतीय एक-दूसरे के आदर्शों और परंपराओं का सम्मान करते हुए अपनी परंपराओं का निर्वहन करना सुनिश्चित करते हैं।’
इस अवसर पर राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में रहने वाले इन राज्यों के नागरिकों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक (सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) अशोक तिवारी, केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ब्रजेश सिंह तथा आईपीएस अधिकारी अदिति सिंह ने अपने अनुभव साझा किए।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा भी उपस्थित थे।