ऊना। हिमाचल सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसमें मुख्यमंत्री कृषि संवर्धन योजना बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। सरकार इसके जरिए किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना, किसानों का उच्च किस्म की गुणवत्ता वाले बीज, पौध संरक्षण सामग्री और खाद उपलब्ध करवाना है।
उप निदेशक कृषि कुलभूषण धीमान बताते हैं कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष जोर है। उनके निर्देशानुरूप मुख्यमंत्री कृषि संवर्धन योजना के अंतर्गत ऊना जिला में बीजों व खाद पर विभाग द्वारा निर्धारित दरों पर अनुदान दिया जा रहा है। इसी कड़ी में पेखुबेला के सरकारी फार्म व मृदा प्रशिक्षण प्रयोगशाला के लिए बजट का प्रावधान किया जाता है। उन्होंने बतााय कि वर्ष 2024-25 में योजना के तहत 3.08 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था जिनमें से 3.02 करोड़ रूपये खर्च करके 45 हज़ार 965 किसानों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में अब तक बीज वितरण के लिए 2.5 करोड रूपये और खाद वितरण में 40 लाख रूपये, सरकारी फार्म पेखुबेला में 5.07 लाख और मृदा प्रशिक्षण प्रयोगशाला के लिए 7.20 लाख रूपये खर्च करके किसानों को लाभन्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री कृषि संवर्धन योजना के मुख्य घटक
मुख्यमंत्री कृषि संवर्धन योजना के मुख्य चार घटक हैं जिसमें समूह आधारित सब्जी उत्पादन योजना, आदान आधारित उपदान योजना जिसमें(बीज, पौध संरक्षण सामग्री और खाद), बीज गुणन श्रृंखला की सुदृढ़ता और प्रयोगशालाओं की सुदृढ़ता शामिल हैं।
समूह आधारित सब्जी उत्पादन योजना
समूह आधारित सब्जी उत्पादन योजना प्रदेश में सब्जी उत्पादन के सम्पूर्ण सामर्थ्य का दोहन करने के लिए कृषि विभाग ने सब्जी उत्पादन को चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश को शामिल करने के लिए समूह पद्धति को प्रस्तावित किया है। इससे प्रदेश में सब्जी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा तथा किसानों की आय में बढ़ौत्तरी होने के साथ-साथ युवा व महिला किसानों को कृषि व्यवसाय तथा लघु-उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अवसर मिलेंगे।