लोक अदालत से घर द्वार पर हो रहा राजस्व संबंधी मामलों का निस्तारण

 

शिमला. राज्य में लोगों को पारदर्शी और त्वरित प्रशासनिक कार्यवाही प्रदान करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश सरकार ने राजस्व सम्बन्धी समस्त कार्यों एवं मामलों का निपटारा करने के लिए राजस्व लोक अदालतों का आयोजन करने का निर्णय लिया और वर्ष 2023 के अक्टूबर माह में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसके फलस्वरूप माह के अंतिम 2 दिन में हर तहसील एवं उप तहसील स्तर पर राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है । राजस्व लोक अदालतों में स्थानीय लोगों द्वारा चयनित स्थानों पर उनके घर द्वार पर इंतकाल, तकसीम, निशानदेही एवं राजस्व प्रविष्टि की दुरुस्ती आदि मामलों का निपटारा मौके पर किया जा रहा है।
जिला राजस्व अधिकारी शिमला संजीत शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में पहली बार किसी प्रदेश सरकार द्वारा वर्षों से लंबित पड़े राजस्व मामलों की समस्या का समाधान करने के लिए इस तरह की लोक अदालतों का आयोजन कर मिशन मोड में कार्य किया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से जिला शिमला में लोक अदालत के दौरान 30 व 31 अक्तूबर, 2023 से 30 व 31 जनवरी, 2025 तक कुल 31 हजार 80 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया है, जिसमे इंतकाल के 27249 मामले, तकसीम के 623 मामले, निशानदेही के 2713 मामले व राजस्व प्रविष्टि की दुरुस्ती संबंधी 495 मामलों का निपटारा किया गया है।
उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला के लोगों को इन अदालतों के माध्यम से घर-द्वार पर अपनी समस्याओं का समाधान मिल रहा है जिसमें जिला के नागरिक इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की इस पहल से वर्षों से लंबित पड़े मामलों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित हो रहा है। उन्होंने जिला के नागरिकों से आगामी लोक अदालतों में भी राजस्व सम्बन्धी समस्त कार्यों एवं मामलों के लिए बढ़चढ़ कर भाग लेने का आग्रह किया ताकि जिला में लंबित राजस्व मामलों की संख्या को शून्य किया जा सके ।

*जिला में 24 प्रतिशत हुई भूमि की केवाईसी*
हिमाचल प्रदेश में भू-स्वामियों की आपसी सहमति से भूमि की आधार सीडिंग/ केवाईसी का कार्य तेज गति से किया जा रहा है जिसके फलस्वरूप जिला शिमला में राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कुल 01 लाख 97 हजार 207 खातों में से 01 लाख 37 हजार 721 खातों की आधार सीडिंग की जा चुकी है जो लगभग 70 प्रतिशत है। वही जिला के 7 लाख 35 हजार 977 भू-स्वामियों में से 01 लाख 73 हजार 820 भू-स्वामियों के आधार सीडिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है जो लगभग 24 प्रतिशत है। जिला शिमला में 17 तहसील एवं 09 उप तहसील के तहत भू-स्वामियों की आधार सीडिंग का कार्य सम्बंधित पटवार खाने में किया जा रहा है।
भूमि की आधार सीडिंग के तहत जमीन की जमाबंदी को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया है। इससे जमाबंदी में बदलाव होने पर या जमाबंदी के खिलाफ कोई म्यूटेशन दाखिल होने पर, इसकी जानकारी मोबाइल पर मिलेगी। इसके साथ जमीन से जुड़ी जानकारी डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगी और जमीन से जुड़े विवाद भी कम होंगे। इससे जहाँ एक ओर सरकारी योजनाओं का सीधा फायदा मिलेगा वहीँ जमीन से जुड़े दस्तावेजों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला में भूमि ई-केवाईसी/ आधार सीडिंग का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। उन्होंने सभी भूमि मालिकों से अपील की कि वह जल्द से जल्द अपनी भूमि की ई-केवाईसी की प्रक्रिया को अपने नजदीकी पटवारखाने पूरी करें ताकि सरकारी रिकॉर्ड अपडेट हो सके और भविष्य में भूमि विवादों से बचा जा सके।

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