मातृवंदना पत्रिका के विशेषांक एवं दिनदर्शिका का भव्य विमोचन कार्यक्रम
शिमला। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला जी ने कहा कि कुंभ में लगभग 80 करोड़ लोगों ने स्नान किया। इतने बड़े स्तर पर प्रशासन प्रत्येक व्यक्ति के सुरक्षा का दावा नही कर सकता। फिर भी विचार की ताकत ने सभी लोगों को अनुशासित किया और यह वैश्विक अभियान सफल रहा। प्रदेश की सर्वाधिक प्रसारित और लोकप्रिय मासिक पत्रिका मातृवन्दना एवं दिनदर्शिका विमोचन कार्यक्रम का आयोजन शिमला के गयेटी थियेटर में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल उपस्थित हुए। मुख्य अतिथि राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि प्रसिद्ध समाजसेवी राजकुमार वर्मा और मुख्य वक्ता राष्टीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता वीरेन्द्र सेपेइया रहे। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से नशे के विरुद्ध अभियान चलाने का आह्वान किया।
ने कहा कि जब अयोध्या में ढांचा गिराया गया तो देश में पर्याप्त विचार सशक्त था लेकिन प्रसार नही था इसलिए सता में सरकार नही बन पाई। इसलिए कुछ भी कार्य करना हो तो विचार का प्रचार जन जन तक होना चाहिए।
राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि मातृवंदना पत्रिका के बारे बताया कि यद्यपि संघ विचार के बारे विस्तार से बताया गया है फिर भी इसमें पंचप्राण के बारे बताया गया है। उन्होंने हिमाचल के बदले पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यहां लगातार आपदाएं आ रही है ऐसे में नागरिक के रूप में हमें अपने कर्तव्य का बोध होना चाहिए। उन्होंने समरसता में संघ की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। मुख्य वक्ता वीरेन्द्र सेपइया ने अपने उद्बोधन में कहा कि उन्होंने कहा कि संघ किस स्तिथि क्या थी आज संघ किस स्थिति में और समाज के लिए संघ ने क्या किया। उन्होंने संघ को प्रारंभ करने वाले प्रथम पूज्य सरसंघचालक हेडगेवार के जीवन के बारे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि आजादी अंग्रेजों को भगाना मात्र नही है बल्कि भारतीय समाज की कुरीतियों को दूर करना है। उन्होंने भारतीय समाज को संगठित करना और भारतीय समाज में राष्ट्रभक्ति पैदा करना इन उद्देश्यों को लेकर संघ का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने जान लिया था कि भारतीय संस्कृति से अलग किए बगैर भारत पर शासन नही किया जा सकता। उन्होंने मैकाले की शिक्षा नीति को लागू किया जिसका उद्देश्य ही था भारत में काली चमड़ी के अंग्रेज पैदा करना जो इंग्लिश के प्रति सम्मान और भारतीय संस्कृति के प्रति घृणा का भाव रखे। अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों आत्मिक श्रेष्ठता का भाव ही समाप्त कर दिया। उन्होंने जानकारी दी की देश भर में 80 हजार से ज्यादा शाखाएं चल रही है जिसमे लाखों संघ के कार्यकर्ता शाखाएं लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संघ का कार्य हिमाचल में आसान नही था संघ के कार्यकर्ताओं ने अनेकों विरोधों के बावजूद भी संघ का कार्य आगे बढ़ाया। कार्यक्रम में मातृवन्दना पत्रिका के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए पत्रिका संपादक दयानंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश में जागरण मासिक मातृवन्दना पत्रिका की 30 हजार से अधिक प्रतियां प्रतिमास हिमाचल के जन-जन तक पहुचती है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष संघ अपनी 100 वीं वर्षगांठ मना रहा है। लोगों में जी पत्रिका पठन के प्रति लगातार उत्साह बना हुआ है। उन्होंने कहा पत्रिका ने लोगों में देशभक्ति का जागरण के विशिष्ठ भूमिका निभाई है। कार्यक्रम में आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख प्रताप जी, विश्व संवाद केंद्र न्यास के अध्यक्ष राजेश बंसल, उपाध्यक्ष यादवेंद्र सिंह चौहान, कार्यालय प्रमुख दलेल सिंह ठाकुर सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित हुए।